श्रावस्ती(राष्ट्र की परम्परा)श्रावस्ती गिलौला पैतृक आवास से बहराइच चर्दा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ड्यूटी पर जा रहे होनहार डाक्टर धर्मवीर सिंह (42) पुत्र डा0 अर्जून सिंह (एमबीबीएस) को सड़क हादसे में तेज रफ्तार ट्रक ने डक्कर मार दिया था । जिनका बृहस्पतिवार सुबह लखनऊ मेदंता हास्पिटल में इलाज के दौरान मौत हो गया। बृहस्पतिवार को दोपहर उनकी लाश गिलौला लाई गई, जहां उनके चहेते शुभचिंतकों का हुजूम लगा रहा। शाम को उनके पैतृक गांव रानीपुर काजी में अंतिम संस्कार विधि विधान से कर दिया गया है। इस दौरान डा, धर्मवीर के अंतिम दर्शन के लिए पूरा गिलौला क्षेत्र उमड़ पड़ा। शोक में डूबा हर ग्रामीण आंखों में आंसू लिए दिखा। डबडबाई आंखों से लोगों ने डाक्टर धर्मवीर सिंह को अंतिम विदाई दी गई।गिलौला बाजार गांव निवासी डाक्टर धर्मवीर सिंह (42) जाने माने चिकित्सक रहे हैं उनके पिता डाक्टर स्वर्गीय अर्जून सिंह और बाबा भी चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े रहे हैं। वह मंगलवार को अपनी कार से बहराइच चर्दा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ड्यूटी पर जा रहे थे। इसी दौरान राष्ट्रीय नेशनल मार्ग बलरामपुर बहराइच फोर लेन रोड पर स्थित बाबा गंज चौराहे के पेट्रोल पंप पर ड्राइवर ने कार खड़ी करके लघु शंका करने लगा।
इसी दौरान घने कोहरे के बीच बलरामपुर से जा रही अज्ञात टृक ने खड़ी कार को जोरदार टक्कर मार दी। जिससे कार में दाएं तरफ बैठे डाक्टर धर्मवीर सिंह और दूसरे साथी राजू सिंह को गंभीर चोटें आई, जबकि ट्रक चालक वाहन समेत मौके से फरार हो गया। आसपास के लोगों के सहयोग से बहराइच मेडिकल कॉलेज भर्ती कराया, जहां से चिकित्सकों ने लखनऊ के लिए गंभीर अवस्था में रेफर कर दिया।
डा० धर्मवीर सिंह का विवाह लगभग दस वर्ष पूर्व रायबरेली जनपद में एक जाने-माने परिवार में हुआ था। धर्मवीर के एक आठ साल का बेटा है, वह दो भाई और दो बहनें हैं। बहनों की शादी हो चुकी है और सभी डाक्टर हैं। बताया जा रहा है कि डा धर्मवीर की पत्नी भी चिकित्सक हैं। जो पयागपुर में तैनात हैं। मां और पिता डाक्टर अर्जुन सिंह का लगभग अभी दो वर्ष पूर्व मृत्यु हो चुकी है। परिजनों को अभी घाव पूरा नहीं हुआ था की ईश्वर ने सभी का चहेते बने डाक्टर धर्मवीर को भी अपने श्री चरणों में ले लिया। छोटे भाई कर्मवीर सिंह, चाचा ननके सिंह, मास्टर अनू सिंह व अन्य परिजनों का कहना है कि डाक्टर धर्मवीर की मौत जिंदगी भर का गम दे गई। वही उनके दुसरे साथी राजू सिंह की भी स्थिति अभी लखनऊ में नाजूक बनी हुई है।
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