रेल संरक्षा आयुक्त ने दुल्लहपुर–मऊ दोहरीकरण खंड का किया विस्तृत संरक्षा निरीक्षण
वाराणसी (राष्ट्र की परम्परा)।पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल में रेल अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण की दिशा में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि सामने आई है। भटनी–औंड़िहार रेलखंड पर दुल्लहपुर–मऊ (करीब 21 किलोमीटर) रेलखंड के दोहरीकरण एवं विद्युतीकरण कार्य के पूर्ण होने के बाद 17 दिसंबर 2025 को रेल संरक्षा आयुक्त, उत्तर पूर्व सर्किल प्रणजीव सक्सेना द्वारा गहन संरक्षा निरीक्षण किया गया। यह निरीक्षण रेलवे संचालन की सुरक्षा, गुणवत्ता और मानकों की कसौटी पर परियोजना को परखने के उद्देश्य से किया गया।
निरीक्षण के दौरान रेल संरक्षा आयुक्त ने दुल्लहपुर स्टेशन से लेकर पिपरीडीह और मऊ स्टेशन तक विभिन्न तकनीकी एवं संरक्षा पहलुओं का जायजा लिया। इसमें इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली, स्टेशन यार्ड का विस्तार, समपार फाटकों का दोहरीकरण, प्लेटफॉर्म एवं पैदल उपरिगामी पुलों की क्लियरेंस, ओवरहेड ट्रैक्शन लाइन, पुल–पुलियाओं की स्थिति और लॉन्ग वेल्डेड रेल की जांच शामिल रही। मोटर ट्रॉली के माध्यम से पूरे खंड का सूक्ष्म निरीक्षण करते हुए उन्होंने रेलवे इंजीनियरिंग मानकों के अनुपालन की पुष्टि की।
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मऊ रेलवे स्टेशन पर यार्ड रिमॉडलिंग, पश्चिम केबिन के वी.डी.यू. पैनल, रिले रूम तथा संरक्षा उपकरणों में किए गए बदलावों का निरीक्षण कर अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की गई। अधिकारियों ने परियोजना की प्रगति और तकनीकी विशेषताओं की जानकारी दी।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, भटनी–औंड़िहार दोहरीकरण परियोजना उत्तर पूर्वी रेलवे के लिए रणनीतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके पूर्ण होने से इस व्यस्त मार्ग पर ट्रेनों की क्षमता बढ़ेगी, परिचालन सुचारु होगा और यात्रियों को तेज, सुरक्षित व सुविधाजनक रेल सेवा मिलेगी। साथ ही पूर्वी उत्तर प्रदेश में कनेक्टिविटी बेहतर होने से क्षेत्रीय आर्थिक विकास को भी बल मिलेगा।
18 दिसंबर 2025 को मऊ–खुरहट खंड का संरक्षा निरीक्षण एवं इसके बाद दुल्लहपुर–मऊ और मऊ–खुरहट रेलखंड पर अधिकतम गति से स्पीड ट्रायल प्रस्तावित है। रेलवे प्रशासन ने आमजन से अपील की है कि निरीक्षण व स्पीड ट्रायल के दौरान रेलपथ से दूर रहें और सुरक्षा में सहयोग करें।
