March 14, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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प्रयोग किए गए नारियल पानी के अवशेषों को इधर-उधर ना फेंके- नगर आयुक्त

नारियल के कचरे से कचरा निस्तारण मे काफी बाधा उत्पन्न हो रही

गोरखपुर(राष्ट्र की परम्परा)
महानगर में नारियल पानी बेचने वाले ठेले खोमचे वाले के द्वारा व्यवसायिक क्षेत्रों, नालो एव अन्य जगहो पर प्रयोग किये नारियलों की एक बडी मात्रा कचरे के रूप में फेक दिया जाता है। इस प्रकार के नारियल के कचरे से कचरा निस्तारण मे काफी बाधा उत्पन्न हो रही है। नारियल का कचरा कई वर्षो तक सडता गलता नही है, जिससे जहा भी इसे फेका जाता है लगभग उसी रूप में पडा रहता है। स्वच्छ भारत मिशन-नगरीय के तहत महानगर के समस्त नारियल विक्रेताओं पर नगर निगम गोरखपुर द्वारा एक बडी कार्यवाही की जा सकती है। उचित होगा कि समस्त नारियल विक्रेता प्रयोग किये गये नारियलों को एक बोरे में इक्ट्ठा करें ताकि नगर निगम द्वारा इसे संग्रहित करने के लिए जिन्हे नामित किया जाए, उनको यह एक साथ उपलब्ध हो सकें। इस प्रयोग किये गये नारियल से नरकुल रस्सी बनाया जाती है। नगर निगम गोरखपुर द्वारा इस प्रकार के नरकुल रस्सी बनाने वाली संस्थाओं से समन्वय बनाने का प्रयास किया जा रहा है, जो कि प्रयोग किये गये नारियलो को नारियल विक्रेताओं से एकत्र करेेगें ताकि इस प्रकार के कचरे का पुर्नउपयोग किया जा सके और इस कचरे का समुचित निस्तारण हो सकें। इस उद्योग में महिलाओ का एक बडा योगदान है, जो कि इससे नरकुल की रस्सी बनाती है। यदि यह नारियल कचरा उनको मिल सकेगा, तो उनके लिए जिविकोपार्जन के लिए एक नवीन स्त्रोत मिल जाएगा, और महिला स्वावलम्बन को बल मिल सकेगा। महानगर के समस्त नारियल विक्रेताओ से अपील है कि अपने नारियल कचरे को एक जगह एकत्र कर सुरक्षित रखे, और कचरा संग्राहको अथवा इस हेतु नामित संस्था को ही देवे, यदि प्रयोग उपरान्त नारियल कचरे को इधर उधर फेका जाएगा, तो चालान और जुर्माने की कार्यवाही भी की जाएगी।