21 अक्टूबर 2025 का विस्तृत पंचांग: यात्रा और दिशाशूल के साथ
अक्टूबर 21, 2025, मंगलवार का दिन हिन्दू पंचांग अनुसार कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि पर पड़ रहा है। यह दिन आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। दिन की शुरुआत सूर्योदय के साथ होती है, और सूर्यास्त के समय मन को शांति एवं संतोष की अनुभूति होती है। इस दिन भौमवती अमावस्या और दिवाली का पर्व भी मनाने योग्य है। पंचांग में दिन का प्रत्येक पल, समय और ग्रह स्थिति को दर्शाया गया है, जो आपके कार्य, यात्रा और धार्मिक अनुष्ठानों में मार्गदर्शक सिद्ध होगा।
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पंचांग 21/10/2025 • October 21, 2025
संवत्सर एवं माह विवरण: विक्रम संवत: 2082, कालयुक्त
शक संवत: 1947, विश्वावसु
पूर्णिमांत माह: कार्तिक
अमांत माह: आश्विन
द्रिक ऋतु: शरद
तिथि: कृष्ण पक्ष अमावस्या: 20 अक्टूबर 03:45 PM – 21 अक्टूबर 05:54 PM
शुक्ल पक्ष प्रतिपदा: 21 अक्टूबर 05:54 PM – 22 अक्टूबर 08:17 PM
नक्षत्र: चित्रा: 20 अक्टूबर 08:16 PM – 21 अक्टूबर 10:58 PM
स्वाति: 21 अक्टूबर 10:58 PM – 23 अक्टूबर 01:51 AM
करण: नाग: 21 अक्टूबर 04:48 AM – 05:55 PM
किस्तुघन: 21 अक्टूबर 05:55 PM – 22 अक्टूबर 07:04 AM
योग: विष्कुम्भ: 21 अक्टूबर 02:34 AM – 22 अक्टूबर 03:16 AM
प्रीति: 22 अक्टूबर 03:16 AM – 23 अक्टूबर 04:05 AM
वार: मंगलवार
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त्यौहार और व्रत: भौमवती अमावस्या
अमावस्या दिवाली
सूर्य और चंद्रमा का समय:
सूर्योदय: 6:30 AM
सूर्यास्त: 5:52 PM
चन्द्रोदय: 6:06 AM
चन्द्रास्त: 5:41 PM
शुभ और अशुभ समय
अशुभ काल:
राहु: 03:01 PM – 04:27 PM
यमगण्ड: 09:20 AM – 10:46 AM
कुलिक: 12:11 PM – 01:36 PM
दुर्मुहूर्त: 08:46 AM – 09:32 AM, 10:55 PM – 11:46 PM
वर्ज्यम्: 05:10 AM – 06:57 AM, 05:14 PM – 07:01 PM
शुभ काल:
अभिजीत मुहूर्त: 11:48 AM – 12:34 PM
अमृत काल: 03:50 PM – 05:37 PM
ब्रह्म मुहूर्त: 04:54 AM – 05:42 AM
आनंदादि योग:
ध्वांक्ष: 21 अक्टूबर 10:58 PM तक
ध्वजा (केतु)
सूर्या राशि: तुला
चंद्र राशि: कन्या (09:36 AM तक) → तुला
चौघड़िया और दिनचर्या
दिन का चौघड़िया:
रोग: 06:30 AM – 07:55 AM
उद्बेग: 07:55 AM – 09:20 AM
चर: 09:20 AM – 10:46 AM
लाभ: 10:46 AM – 12:11 PM
अमृत: 12:11 PM – 01:36 PM
काल: 01:36 PM – 03:01 PM
शुभ: 03:01 PM – 04:27 PM
रोग: 04:27 PM – 05:52 PM
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यात्रा, दिशाशूल और आस्था
यात्रा के लिए अनुकूल समय: सुबह 06:30 AM – 09:20 AM, दोपहर 12:11 PM – 01:36 PM
दिशाशूल: उत्तर और पूर्व दिशा में कार्य एवं यात्रा शुभ; पश्चिम दिशा में सावधानी आवश्यक
आध्यात्मिक मार्गदर्शन: अमावस्या का दिन व्रत, दीपदान और घर की सफाई से अत्यंत फलदायी है। दिवाली पर्व के अवसर पर धन, सुख और समृद्धि के लिए पूजा अनिवार्य मानी जाती है।
भावनात्मक संदेश
21 अक्टूबर 2025, अमावस्या और दिवाली का संगम, यह हमें याद दिलाता है कि अंधकार के बाद ही प्रकाश का आगमन होता है। जैसे नवचंद्र अमावस्या के अंधकार को छेदता है, वैसे ही हमारे जीवन की कठिनाइयाँ भी प्रयास और भक्ति से दूर होती हैं। इस दिन के शुभ मुहूर्त, राहुकाल और यात्रा योग को जानकर, आप अपने कार्य, पूजा और यात्रा को पूर्णत: फलदायक बना सकते हैं।
