कुशीनगर (राष्ट्र की परम्परा), जिले में बिना मान्यता के संचालित विद्यालयों पर नकेल कसने के लिए प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर ने शिक्षा निदेशक (बेसिक), उत्तर प्रदेश, लखनऊ के निर्देशों के क्रम में जनपद के विभिन्न तहसीलों में बिना मान्यता चल रहे विद्यालयों की जांच हेतु तीन सदस्यीय जांच समिति के गठन के आदेश दिए हैं।
शासन से प्राप्त निर्देशों के अनुसार, कोई भी व्यक्ति बिना मान्यता प्रमाण-पत्र के विद्यालय स्थापित या संचालित नहीं कर सकता। यदि कोई ऐसा करता है तो उसे एक लाख रुपये तक का जुर्माना और उल्लंघन जारी रहने की स्थिति में प्रतिदिन दस हजार रुपये तक का अतिरिक्त जुर्माना भुगतना पड़ सकता है। यह प्रावधान उत्तर प्रदेश निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार नियमावली-2011 के तहत लागू है।
जांच समिति में शामिल अधिकारी
- उपजिलाधिकारी (सम्बन्धित तहसील) – अध्यक्ष
- सम्बन्धित क्षेत्राधिकारी (पुलिस)
- खण्ड शिक्षा अधिकारी (सम्बन्धित विकास खण्ड)
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए हैं कि संबंधित उपजिलाधिकारी अपने तहसील क्षेत्र के अंतर्गत बिना मान्यता चल रहे विद्यालयों का सघन निरीक्षण सुनिश्चित करें। यदि किसी विद्यालय में बिना मान्यता कक्षाएं संचालित पाई जाती हैं, तो उसका संचालन तत्काल प्रभाव से बंद कराया जाए। साथ ही ऐसे विद्यालयों में नामांकित छात्रों को निकटतम परिषदीय विद्यालय में स्थानांतरित कर उनका पुनः नामांकन कराया जाए।
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