महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव की अध्यक्षता में हुई बैठक, दुकानदारों ने जताई नाराजगी, प्रशासन ने दिया आश्वासन
गोरखपुर(राष्ट्र क़ी परम्परा)l नगर निगम सभागार में सोमवार को महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव की अध्यक्षता में शास्त्री चौक से छात्रसंघ चौराहे तक प्रस्तावित रोड चौड़ीकरण पर अहम बैठक हुई। बैठक में मंडलायुक्त अनिल ढींगरा, जिलाधिकारी दीपक मीणा, अपर नगर आयुक्त दुर्गेश मिश्रा सहित निगम और पीडब्ल्यूडी के अधिकारी दुकान के किरायेदार उपस्थित रहे।
बैठक में बताया गया कि शासन से 24 मीटर चौड़ी सड़क के निर्माण की डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) को मंजूरी मिल चुकी है। इस योजना के तहत शहर के सबसे व्यस्त मार्गों में से एक पर चौड़ी सड़क बनाकर यातायात व्यवस्था को सुचारु किया जाना प्रस्तावित है।
नगर निगम की दुकानों के किरायेदारों ने जताई आपत्ति
रोड चौड़ीकरण के दायरे में आने वाले अधिकांश दुकानदारों ने बैठक में नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि ये सभी दुकानें नगर निगम की संपत्ति हैं और वे किरायेदार के रूप में वर्षों से अपना व्यवसाय चला रहे हैं। प्रस्तावित 24 मीटर चौड़ाई से उनकी दुकानों का एक बड़ा हिस्सा प्रभावित होगा।
दुकानदारों की ओर से यह मांग रखी गई कि सड़क की चौड़ाई 17 मीटर तक सीमित रखी जाए ताकि दुकानों को कम नुकसान पहुंचे।
एक दुकानदार ने कहा—“हम नगर निगम के किरायेदार हैं। सरकार की दुकान में किराया जमा करते हैं। अब उसी दुकान का हिस्सा तोड़ा जाएगा। हम विकास के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन ऐसी योजना बने जिससे हमारी रोज़ी-रोटी न छिने।”
महापौर और अफसरों ने दिया भरोसा
महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव ने दुकानदारों को भरोसा दिलाया कि विकास कार्यों में किसी के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। “शहर को जाम से मुक्त करने और बेहतर यातायात व्यवस्था के लिए रोड चौड़ीकरण आवश्यक है। प्रशासन दुकानदारों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए संतुलित समाधान निकालेगा,
मंडलायुक्त अनिल ढींगरा ने कहा कि प्रभावित दुकानदारों की आपत्तियों और सुझावों को शासन तक पहुंचाया जाएगा। वहीं, जिलाधिकारी दीपक मीणा ने बताया कि सड़क चौड़ीकरण से शहर की कनेक्टिविटी बेहतर होगी और ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी।
अतिक्रमण और जाम बड़ी चुनौती
अधिकारियों ने बताया कि इस मार्ग पर ट्रैफिक दबाव और अतिक्रमण सबसे बड़ी समस्या है। कई दुकानदार अपनी दुकानों के आगे चारपहिया वाहन खड़े कर लेते हैं, जिससे सड़क का हिस्सा संकरा हो जाता है। परिणामस्वरूप हर दिन घंटों जाम लगता है।
अधिकारियों का कहना था कि जब सड़क जाम होती है तो लोग सरकार को दोष देते हैं, जबकि वास्तविक समस्या स्थानीय स्तर पर अतिक्रमण से पैदा होती है। इसी कारण शासन ने इस मार्ग को प्राथमिकता में लेकर रोड चौड़ीकरण की योजना को स्वीकृति दी है।
सहमति से निकलेगा समाधान
बैठक में यह निर्णय हुआ कि नगर निगम जल्द ही दुकानदारों से अलग-अलग बैठकें करेगा ताकि उनकी राय लेकर सहमति आधारित समाधान निकाला जा सके।
अपर नगर आयुक्त दुर्गेश मिश्रा ने बताया कि रोड चौड़ीकरण से प्रभावित लोगों की परेशानियों को कम करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।
