
पटना (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। बिहार की राजधानी पटना मंगलवार को चौकीदार और दफादारों (बिहार पुलिस) के जोरदार प्रदर्शन का गवाह बनी। अपनी पुरानी मांग—आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति—को लेकर राज्य के सैकड़ों चौकीदार-दफादार पटना की सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारी गांधी मैदान से मार्च निकालते हुए मुख्यमंत्री आवास की ओर बढ़े।
इस दौरान कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। जेपी गोलंबर के पास पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग तोड़ दी और डाकबंगला चौराहा तक मार्च जारी रखा। मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी। यातायात व्यवस्था भी प्रभावित हुई, हालांकि बाद में पुलिस ने हालात नियंत्रित कर आवागमन बहाल करा दिया।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि चौकीदार और दफादार अपनी जान जोखिम में डालकर पुलिस को अहम जानकारी देते हैं, ऐसे में उनकी मृत्यु के बाद उनके आश्रितों को नौकरी दी जानी चाहिए। चौकीदार-दफादार यूनियन के बैनर तले आयोजित इस प्रदर्शन में कर्मचारियों ने स्पष्ट कहा कि वे अपने हक की लड़ाई से पीछे नहीं हटेंगे।
एक प्रदर्शनकारी ने कहा—“जब चौकीदार अपनी ड्यूटी निभाते हुए जान जोखिम में डालते हैं तो उनकी मृत्यु के बाद उनके परिवार को सहारा मिलना चाहिए। सरकार हमारी इस न्यायोचित मांग को लगातार नजरअंदाज कर रही है।”
गौरतलब है कि चौकीदार-दफादार लंबे समय से आश्रितों की बहाली की मांग करते आ रहे हैं। उनका आरोप है कि सरकार बार-बार आश्वासन देती है लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाती। इसी वजह से अब उन्होंने आंदोलन का रास्ता चुना है।
इस प्रदर्शन ने सरकार तक यह संदेश साफ कर दिया है कि चौकीदार-दफादार अपनी मांगों को लेकर गंभीर हैं और तब तक आंदोलन जारी रखेंगे जब तक उनके आश्रितों की अनुकंपा नियुक्ति की मांग पूरी नहीं होती।