
मुंबई (राष्ट्र की परम्परा)। चेम्बुर माहुल में परियोजना प्रभावितों के लिए बनाए गए घरों को मनपा की ओर से तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को 12 लाख 60 हजार रुपए में बेचने की तैयारी शुरुवात में की गई थी। किंतु एक महीने की मोहलत दिए जाने के बाद भी, इन घरों को खरीदने वालों का प्रतिसाद नहीं मिल रहा है। जबकि गुरुवार, 15 मई को बढ़ी हुई समय सीमा भी समाप्त हो गई। इन दो महीनों में 9098 घरों के लिए केवल 248 आवेदन प्राप्त हुए। इन आवेदकों के लिए ड्रा मंगलवार 20 मई को निकाला जाएगा। इस बीच मनपा के सफाई कर्मचारियों को मुफ्त में घर देने की मांग अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांग्रेस यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोविंद भाई परमार ने की है। परमार ने अपनी मांग में बताया कि सरकार के जी. आर. में मनपा सफाई कर्मियों को मुफ्त में आवास देने का प्रावधान है। सरकार उस जी. आर. को संज्ञान में लेकर सफाई कामगारों को मुफ्त में आवास प्रदान करे। अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांग्रेस यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोविंद भाई परमार ने यह भी बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के कार्यकाल में जब लोकसभा चुनाव होने वाला था उस समय माहुल गांव में 50 सफाई कामगारों को मुफ्त में आवास प्रदान किया गया था। जिसके कारण माहुल के घर सफाई कामगारों को मुफ्त दिया जाना चाहिए। ऐसी मांग परमार ने मनपा आयुक्त से की है।बताया जाता है कि वर्तमान समय में यहां लगभग 13,000 घर खाली हैं क्योंकि परियोजना प्रभावित लोग माहुल के फ्लैटों में नहीं आना चाह रहे हैं।
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