देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)। निरंकारी बाबा हरदेव सिंह महाराज की याद में जिले के सन्त निरंकारी सत्संग भवन मुंडेरा बुजुर्ग में सत्संग का आयोजन हुआ,जिसमें निरंकारी बाबा जी के विचारों, उपदेशों,जीवन और मानवता के लिए किए गए उनके कार्यो को याद किया गया। 13 मई 2016 को सन्त निरंकारी मिशन के सतगुरू बाबा हरदेव सिंह जी महाराज एक सत्संग कार्यक्रम से लौटते समय कनाडा के मॉन्ट्रियल में सड़क दुर्घटना में ब्रम्हलीन हो गए थे,सम्पूर्ण विश्व मे निरंकारी मिशन के लोग वर्तमान सतगुरू माता सुदीक्षा सविन्दर हरदेव सिंह जी महाराज के निर्देशानुसार बाबा हरदेव सिंह जी महाराज के ब्रम्हलीन होने के दिन को समर्पण दिवस के रूप में मनाते हैं। इस अवसर पर संयोजक महात्मा बद्री विशाल सिंह जी ने बताया कि समर्पण दिवस के दिन सभी सन्त महात्मा निरंकारी बाबा जी के विचारों और उनके द्वारा मानवता के लिए किए गए कार्यों को याद करते हुए उनके पग चिन्हों पर चलने का प्रण लेते हैं।
निरंकारी बाबा पूरे जीवन जाति, धर्म के भेदभाव को मिटाने और मानवता का संदेश देते हुए इंसानियत का पाठ पढ़ाते रहे।
निरंकारी मिशन के पांच प्रण पर सभी को चलने का उपदेश देते रहे व खुद इन प्रण पर चलकर दिखाए,वे सबके सेवा में लगे रहे, इस तरह बाबा जी अपने जीवन के अन्तिम श्वांस तक मानवता की सेवा में लगे रहे।
निरंकारी मिशन के पांच प्रण
(1) तन मन धन को निरंकार प्रभु का समझना है,इस पर अभिमान नही करना है।
(2) जाति ,धर्म के नाम नफरत नहीं करना।
(3)किसी के खाने, पीने, पहनावे से हमे घृणा नहीं करनी।
(4) गृहस्थ में रहना है,वेषधारी साधु ,संत, फकीर बनकर समाज पर बोझ नहीं बनना, बल्कि गृहस्थ में रहकर सभी जिम्मेदारी को अच्छे से निभाने आदि को बताया गया है।
(5) सतगुरु द्वार दिया गया ज्ञान बिना सतगुरु के आज्ञा के नहीं खोलना।
निरंकारी बाबा हरदेव सिंह जी के याद में मनाए गए इस समर्पण दिवस के सत्संग में ओम प्रकाश मौर्य, कृष्णावती देवी,महेश कुशवाहा, सेवादल संचालक उमेश सिंह, शिक्षक हेमंत कुशवाहा ,माया, सावित्रि, रंजना आदी सैंकड़ों महात्मा उपस्थित रहे।
बाबा हरदेव सिंह ने 36 वर्षों तक मिशन की संभाली बागडोर
बाबा हरदेव सिंह ने 36 वर्षों तक निरंकारी मिशन की बागड़ोर संभाली। उनकी छत्रछाया में मिशन 17 देशों से चलकर विश्व के प्रत्येक महाद्वीप के 60 राष्ट्रों तक पहुंचा, जिसमें राष्ट्रीय व अन्तराष्ट्रीय स्तर के समागम, युवा सम्मेलन, सत्संग कार्यक्रम, समाज सेवा उपक्रम, विभिन्न धार्मिक तथा आध्यात्मिक संस्थाओं के साथ तालमेल जैसे आयोजन सम्मिलित थे। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा संत निरंकारी मिशन को सामाजिक एवं आर्थिक परिषद के सलाहकार के रूप में मान्यता भी बाबा जी के समय में ही प्रदान की गई थी।
बाबा के निर्देश में अनेक सार्थक कदम उठाए गए
आध्यात्मिक जागरुकता के अतिरिक्त समाज कल्याण के लिए भी निरंकारी बाबा ने अनेक सार्थक कदम उठायें। जिसमें मुख्यतः रक्तदान, स्वच्छता अभियान, वृक्षारोपण, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण, शिक्षा, व्यवसाय मार्गदर्शन केन्द्र के लिए किये कार्य सम्मलित हैं। इसके अतिरिक्त निरंकारी बाबा ने स्वयं रक्तदान करके मिशन के द्वारा रक्तदान अभियान की शुरूआत की, मिशन के पहले ब्लड बैंक का लोकार्पण 26 जनवरी, 2016 को बाबा हरदेव सिंह ने किया ,जो विले पार्ले, मुंबई में स्थित है।अब तक सन्त निरंकारी मिशन ने लगभग 14 लाख यूनिट रक्तदान किया है,जो अपने आप में एक बहुत बड़ी मिशाल है।
अनुयायीयो के लिये प्रेम व करुणा की मूरत थे बाबा हरदेव सिंह
बाबा हरदेव सिंह प्रेम और करूणा की सजीव मूर्त थे और यही कारण था कि वह प्रत्येक स्तर के लोगों के प्रिय रहे, जिसका प्रतिविंब संत निरंकारी मिशन है। निरंकारी मिशन में विभिन्न धर्म, जाति, वर्ण के लोग समस्त भेदभावों को भुलाकर प्रेम व शांतिपूर्ण गुण जैसे मानवीय मूल्यों को जीवन में धारण करते हैं।
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