इतिहास केवल तिथियों का संकलन नहीं होता, बल्कि वह उन व्यक्तित्वों की स्मृति है जिनके विचार, त्याग और कर्म आज भी मानवता का मार्गदर्शन करते हैं। 26 दिसंबर ऐसी ही एक महत्वपूर्ण तिथि है, जिसने स्वतंत्रता संग्राम, सामाजिक सेवा, साहित्य, अध्यात्म और वैश्विक संस्कृति को दिशा देने वाले अनेक महान व्यक्तित्वों को जन्म दिया। आइए इस ऐतिहासिक दिन पर जन्मे उन महापुरुषों और विभूतियों के जीवन, जन्मस्थान और राष्ट्रहित में उनके योगदान पर विस्तार से दृष्टि डालते हैं।
ये भी पढ़ें युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है भाजपा – गोविन्द मिश्र
अमर शहीद ऊधम सिंह (1899) – क्रांति और बलिदान का प्रतीक
अमर शहीद ऊधम सिंह का जन्म 26 दिसंबर 1899 को सुनाम, जिला संगरूर, पंजाब (भारत) में हुआ। जलियांवाला बाग हत्याकांड के साक्षी रहे ऊधम सिंह ने 1940 में लंदन जाकर जनरल डायर के समर्थक माइकल ओ’डायर को मारकर निर्दोष भारतीयों की हत्या का बदला लिया। उनका बलिदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में क्रांतिकारी चेतना का अमर प्रतीक बन गया। राष्ट्र की स्वतंत्रता के लिए उनका त्याग आज भी युवाओं को प्रेरित करता है।
ये भी पढ़ें – लखनऊ में दर्दनाक हादसा: दो सगी बहनों की जहरीला पदार्थ खाने से मौत, परिवार में मचा कोहराम
डॉ. प्रकाश आम्टे (1948) – मानवता के सच्चे सेवक
26 दिसंबर 1948 को जन्मे डॉ. प्रकाश आम्टे का जन्म महाराष्ट्र, भारत में हुआ। वे प्रसिद्ध समाजसेवी बाबा आम्टे के पुत्र हैं। उन्होंने अपनी पत्नी डॉ. मंदाकिनी आम्टे के साथ मिलकर माडिया गोंड जनजाति के लिए हेमलकसा में स्वास्थ्य, शिक्षा और आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किया। नक्सल प्रभावित और दुर्गम क्षेत्रों में मानव सेवा को नई पहचान देने वाले डॉ. आम्टे को रेमन मैग्सेसे पुरस्कार सहित कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुए।
ये भी पढ़ें – दिल्ली के समयपुर बदली में युवक की हत्या का खुलासा, प्रेम संबंध बना वजह; दो दोस्त गिरफ्तार
माबेला अरोल (1935) – सामाजिक चेतना की सशक्त आवाज
1935 में जन्मी माबेला अरोल एक समर्पित भारतीय समाजसेवी महिला थीं। उन्होंने महिला सशक्तिकरण, शिक्षा और सामाजिक समानता के लिए निरंतर कार्य किया। उनका जीवन समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए प्रेरणास्रोत रहा। सामाजिक जागरूकता अभियानों के माध्यम से उन्होंने समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास किया।
ये भी पढ़ें – 17 साल बाद बांग्लादेश लौटे तारिक रहमान, रैली में बोले—शांति और लोकतंत्र की बहाली हमारा लक्ष्य
विद्यानंद जी महाराज (1935) – आध्यात्मिक चेतना के मार्गदर्शक
26 दिसंबर 1935 को जन्मे विद्यानंद जी महाराज भारत के प्रसिद्ध संत-महात्माओं में गिने जाते हैं। उनका जन्म भारत में हुआ। उन्होंने आध्यात्मिक साधना, नैतिक जीवन और आत्मज्ञान के माध्यम से समाज को सत्य और संयम का मार्ग दिखाया। उनके प्रवचन और विचार आज भी आध्यात्मिक जगत में विशेष स्थान रखते हैं।
ये भी पढ़ें – प्रचार वाहन के जरिए गांव-शहर में पहुंचा सुशासन अभियान
थॉमस ग्रे (1716) – संवेदनाओं के कवि
26 दिसंबर 1716 को जन्मे थॉमस ग्रे का जन्म लंदन, इंग्लैंड में हुआ। वे 18वीं शताब्दी के प्रसिद्ध अंग्रेज़ी कवि थे। उनकी प्रसिद्ध कृति “Elegy Written in a Country Churchyard” आज भी विश्व साहित्य में अमर मानी जाती है। मानवीय भावनाओं, मृत्यु और जीवन के दर्शन को सरल शब्दों में प्रस्तुत करने के कारण वे साहित्य जगत में विशेष सम्मान रखते हैं।
गुरु गोविंद सिंह जी (1666) – साहस, धर्म और राष्ट्ररक्षा के प्रतीक
26 दिसंबर 1666 को जन्मे सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म पटना साहिब, जिला पटना, बिहार (भारत) में हुआ। उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना कर सिख समाज को संगठित किया और अन्याय के विरुद्ध संघर्ष का मार्ग दिखाया। धर्म, साहस और बलिदान की उनकी शिक्षाएं भारत की सांस्कृतिक आत्मा को सशक्त बनाती हैं।
ये भी पढ़ें – गन्ने के खेत में मिला माहभर पुराना अज्ञात शव, इलाके में मचा हड़कंप
तारक मेहता (1929) – गुजराती साहित्य का उज्ज्वल सितारा
26 दिसंबर 1929 को जन्मे तारक मेहता का जन्म गुजरात, भारत में हुआ। वे एक प्रतिष्ठित गुजराती साहित्यकार थे। उनके लेखन में सामाजिक व्यंग्य, नैतिक मूल्य और मानवीय संवेदनाएं प्रमुख रहीं। उनके नाम पर आधारित प्रसिद्ध धारावाहिक ने भारतीय समाज को हास्य के माध्यम से सामाजिक संदेश दिए।
ये भी पढ़ें – अवकाश के दौरान शिक्षकों को प्रशिक्षण हेतु भेजना अनुचित- मृत्युंजय ठाकुर
निष्कर्ष
26 दिसंबर केवल एक तारीख नहीं, बल्कि इतिहास, बलिदान, सेवा, साहित्य और अध्यात्म का संगम है। इस दिन जन्मे महान व्यक्तित्वों ने अपने-अपने क्षेत्र में अमिट छाप छोड़ी और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा दी।
