
देहरादून (राष्ट्र की परम्परा)उत्तराखंड के वन विभाग में एक और बड़ा घोटाला सामने आया है। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में पहले हुए भ्रष्टाचार के बाद अब मुनस्यारी में इको हट निर्माण के नाम पर 1.63 करोड़ रुपये के गबन का मामला उजागर हुआ है।
सूत्रों के अनुसार, वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. विनय भार्गव पर वित्तीय अनियमितताओं और शासन के नियमों के खुलेआम उल्लंघन का गंभीर आरोप है। बताया जा रहा है कि इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के नाम पर मुनस्यारी में बनाए गए इको हट्स की लागत को मनमाने तरीके से बढ़ाया गया, और काम का ठेका भी बिना पारदर्शी प्रक्रिया के दिया गया।
डॉ. विनय भार्गव, जो कि पूर्व में मंत्री के दामाद के रूप में भी चर्चित रहे हैं, पहले भी भ्रष्टाचार के मामलों में सवालों के घेरे में रह चुके हैं। अब एक बार फिर उन पर लगे आरोपों के बाद शासन हरकत में आया है।
वन विभाग ने इस घोटाले की सीबीआई और ईडी जांच की सिफारिश की है, ताकि मामले की गहराई से जांच हो सके और दोषियों को सजा दिलाई जा सके।
शासन ने डॉ. विनय भार्गव से 15 दिन के भीतर जवाब मांगा है, और साथ ही इस प्रकरण पर विस्तृत रिपोर्ट भी तलब की गई है।
विधानसभा सत्र से पहले उठा यह मामला राज्य सरकार के लिए गंभीर चुनौती बन सकता है।
➡ क्या इको टूरिज्म भ्रष्टाचार का नया जरिया बनता जा रहा है?
➡ क्या दोषियों को मिलेगा दंड या फिर दबा दिया जाएगा मामला?
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