लखनऊ एजेंसी।समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी और उनके छोटे भाई रिजवान सोलंकी ने कानपुर कमिश्नर कैंप कार्यालय जाकर सरेंडर कर दिया है। इसके बाद दोनों ही भाइयों को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया। समाजवादी पार्टी के नेता काफी लंबे समय से फरार चल रहे थे। कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट पहले ही जारी कर रखा था। पिछले महीने एक भूमि विवाद में महिला को कथित रूप से परेशान करने और उसके घर में आग लगाने के आरोप में पुलिस ने सपा विधायक और उनके भाई के खिलाफ मामला दर्ज किया था। तब से ही यह दोनों फरार चल रहे थे। इसके अलावा एक उड़ान में सवार होने के लिए जाली आधार कार्ड का इस्तेमाल करने और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों की सुरक्षा में समझौता करने के आरोप में भी उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
मामला दर्ज होने के बाद पुलिस लगातार इरफान सोलंकी और उनके भाई की तलाश कर रही थी। हालांकि, पुलिस के पकड़ से यह दोनों दूर रहे। इससे पहले संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया था कि जाजमऊ स्थित डिफेंस कॉलोनी की रहने वाली नजीर फातिमा नामक एक महिला ने पुलिस को शिकायत में आरोप लगाया है कि वह सोमवार की रात अपने परिवार के साथ एक शादी समारोह में शिरकत करने गयी थी, तभी सीसामऊ से सपा विधायक इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान सोलंकी तथा उनके करीब छह साथियों ने उसके घर में आग लगा दी। उन्होंने बताया कि इस शिकायत पर सपा विधायक सोलंकी, उनके भाई रिजवान तथा अन्य साथियों के खिलाफ दंगा करने,जानबूझकर सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने,मौत का डर दिखाकर धमकाने तथा आपराधिक साजिश रचने के आरोपों में मुकदमा दर्ज किया है।
कानपुर से भाजपा के सांसद सत्यदेव पचौरी ने समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक पर दर्ज मामलों की तथ्यों और गुण-दोष के आधार पर जांच कराये जाने की जरूरत पर जोर दिया था। उन्होंने कहा था कि सपा विधायक सोलंकी के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की जांच स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से की जानी चाहिये। उन पर दर्ज मुकदमों की जांच तथ्यों और गुण-दोष के आधार पर होनी चाहिये। उन्होंने इस मामले में किसी भी तरह के हस्तक्षेप से भी इनकार किया।
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