दिल्ली(राष्ट्र की परम्परा) कॉर ग्रुप फॉर तिब्बतन कॉज इंडिया के संयोजक आर. के. खिरमे( पूर्व सांसद एवं पूर्व मंत्री अरुणाचल प्रदेश) ने, पत्रकार बंधुओ से वार्ता कर बताया की कॉर ग्रुप फॉर तिब्बतन कॉज इंडिया सीजीटीसीआई ने जी 20 नेताओं से चीन सरकार द्वारा तिब्बत में मानवाधिकार उल्लंघन पर तत्काल ध्यान देने की अपील की है, विशेष रूप से उन रिपोर्ट पर ध्यान देने की अपील की गई है जिसमें 10 लाख से अधिक तिब्बती बच्चों को उनके माता-पिता से अलग कर दिया गया है और तिब्बत में अनिवार्य आवासीय स्कूल प्रणाली में डाल दिया गया है, इस स्कूल नीति का उद्देश्य तिब्बत की संस्कृति, धार्मिक और भाषाई स्वरूप को नष्ट करना है। यह आवासीय स्कूल चीनी कम्युनिस्ट विचारधारा और उनके द्वारा गढ़ी जा रही कहानियों के साथ राजनैतिक रूप से प्रेरित है। ज्ञातव्य है, कि जी-20 शिखर सम्मेलन 9 और 10 सितंबर 2023 को नई दिल्ली में आयोजित होने वाला है।
सम्मेलन में कॉर ग्रुप फॉर तिब्बतन कॉज इंडिया की मांग हैं कि
मानव अधिकार उल्लंघन की तत्काल जवाब देही सुनिश्चित किया जाय।
परम पावन 14 दलाई लामा का पुनर्जन्म के निर्णय का अधिकार स्वयं परम पावन दलाई लामा और संबंधित अधिकारियों के पास हो।
तिब्बती बच्चों के अधिकारों का संरक्षण हो।
सभा में कॉर ग्रुप फॉर तिब्बतन कॉज इंडिया के सह संयोजक सुरेंद्र कुमार, अरविंद निकोलस एवं भारत तिब्बत सहयोग मंच के राष्ट्रीय महामंत्री पंकज गोयल उपस्थित हुए।
कॉर ग्रुप फॉर तिब्बतन कॉज इंडिया भारत में सभी तिब्बत समर्थक समूह का सर्वोच्च संगठन है, इसका कार्य तिब्बती मुद्दे के समर्थन के लिए समन्वय, निर्देश योजनाएं और गतिविधियों को संचालित करना है।
अपने अधिकारों और पहचान के लिए तिब्बती लोगों को संघर्ष करना पड़ रहा है।इस क्षेत्र में नागरिकों को गायब कर देने, मनमाने ढंग से हिरासत में लेने और सांस्कृतिक रूप से अपना वर्चस्व कायम करने के मामले बड़े पैमाने पर हो रहे हैं, सीजीटीसी-आइ जी-20 नेताओं से इन अत्याचारों के खिलाफ एकजुट होने और सभी के लिए मानव अधिकार और सम्मान तथा संरक्षण के सिद्धांतों को बनाए रखने का आह्वान करता है।
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