सरकार दे समस्या पर ध्यान ,अधिकारी कर रहे गुमराह
लखनऊ (राष्ट्र की परम्परा)सरकारी कार्यवाही संस्थाओं में काम करने वाले ठकेदार पिछले दो वर्षों से रॉयल्टी के रूप में जुर्माना जमा कर रहे हैं। ऐसी व्यवस्था सिर्फ उत्तर प्रदेश में है जहां ठेकेदार रॉयल्टी प्रपत्र लेकर गलत साबित हो रहा है और 6 गुना दंड दे रहा है। जबकि बिना प्रपत्र वाला लाभले रहा है। यह सब लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की लापरवाही का नतीजा है। इस व्यवस्था को लेकर उत्तर-प्रदेश ठेकेदार कल्याण समिति के कार्यवाहक अध्यक्ष शरद सिंह ने नाराजगी जताई है । समिति के संरक्षक सुशील कुमार तिवारी और अध्यक्ष गंगाप्रसाद गुप्ता ने मुख्यमंत्री को पत्र भेज कर रॉयल्टी से संबंधित समस्याओं का निस्तारण करने की मांग की है।
मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में ठेकेदार कल्याण समिति ने कहा है कि लोक निर्माण विभाग में नए-नए नियम जल्दबाजी में बनाए जा रहे हैं। ठेकेदार विभाग का महत्वपूर्ण अंग है मगर उसे राय नहीं ली जा रही है। जिसके चलते ठेकेदारों का आर्थिक एवं मानसिक नुकसान हो रहा है। कोषागार भुगतान प्रणाली के बाद डिजिटल मद में पिछले दो वर्षों से ठेकेदारों का भुगतान लंबित है। जिसके चलते ठेकेदार आर्थिक रूप से काफी परेशान हो गए हैं। यही नहीं 3 वर्ष पूर्ण कराए गए विप कार्यों का भी अभी तक भुगतान नहीं हो पाया है। ठेकेदार कल्याण समिति ने मुख्यमंत्री से उक्त सभी समस्याओं के तत्काल निस्तारण की मांग की है।
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