
नई दिल्ली, (राष्ट्र की परम्परा डेस्क) लोकसभा में मंगलवार को प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) को लेकर केंद्र और तमिलनाडु सरकार के बीच बड़ा विवाद सामने आया। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आरोप लगाया कि केंद्र से 608 करोड़ रुपये मिलने के बावजूद तमिलनाडु सरकार ने गरीबों को 5 लाख से अधिक घर उपलब्ध नहीं कराए।
टीडीपी सांसद लवू श्रीकृष्ण देवरायलु के सवाल का जवाब देते हुए मंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने तमिलनाडु के गरीबों के लिए पर्याप्त बजट दिया है। इसके बावजूद, राज्य सरकार ने अब तक 2 लाख 15 हजार घरों का आवंटन नहीं किया और करीब 3 लाख 15 हजार घरों का निर्माण भी नहीं कराया गया।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि 2024 में घरों की वास्तविक जरूरत वाले लोगों की पहचान के लिए आवश्यक सर्वेक्षण तक नहीं कराया गया।
चौहान ने सदन में कहा –
“यह अन्याय की पराकाष्ठा है कि एक साल से अधिक समय से 2 लाख 15 हजार से ज्यादा गरीब लोग घर से वंचित हैं। 3 लाख 10 हजार घर अभी तक पूरे नहीं हुए हैं। पैसा दिया जा चुका है, 608 करोड़ रुपये तमिलनाडु सरकार के खाते में पड़े हैं, लेकिन वे घरों का निर्माण नहीं कर रहे।”
इस दौरान विपक्षी दलों ने जोरदार हंगामा किया और कई सांसद वेल में आकर नारेबाजी करने लगे।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) केंद्र की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके तहत ग्रामीण गरीब परिवारों को पक्के मकान उपलब्ध कराए जाते हैं। योजना में केंद्र और राज्य सरकारें संयुक्त रूप से खर्च वहन करती हैं।
अब तमिलनाडु सरकार की चुप्पी और केंद्र के गंभीर आरोपों के बीच यह मुद्दा आने वाले दिनों में और गरमा सकता है।
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