उत्तर और मध्य भारत में मौसम तेजी से करवट ले रहा है। गिरते तापमान, शीतलहर और कोहरे ने जनजीवन प्रभावित करना शुरू कर दिया है। वहीं दक्षिण भारत में पूर्वोत्तर मानसून सक्रिय होने से कई राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में मौसम के ये बदलाव स्वास्थ्य, कृषि, यातायात और बिजली आपूर्ति को प्रभावित कर सकते हैं।
उत्तरी और मध्य भारत में शीतलहर का प्रकोप
मौसम विभाग (IMD) के ताजा पूर्वानुमान के अनुसार 16 और 17 नवंबर को उत्तर एवं मध्य भारत में शीतलहर सबसे अधिक तीव्र रहेगी।
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, उत्तर प्रदेश और पूर्वी राजस्थान में न्यूनतम तापमान में भारी गिरावट दर्ज की जाएगी, जिससे सुबह और रात के समय ठिठुरन बढ़ेगी।
उत्तराखंड में पाला बढ़ा रहा ठंड का असर
उत्तराखंड के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पाला गिरने से तापमान 5 डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच गया है।
लोगों में सर्दी-जुकाम और सांस से जुड़ी समस्याओं की शिकायतें बढ़ी हैं। तड़के कड़क ठंड, दोपहर में हल्की धूप और शाम ढलते ही बढ़ती ठिठुरन मौसम के तेजी बदलते मिजाज को दर्शाती है।
हिमाचल और जम्मू-कश्मीर में तापमान शून्य से नीचे
पहाड़ी राज्यों में ठंड रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है।
ताबो: –5.3°C
कुकुमसेरी: –4.1°C
केलांग: –3.6°C
कल्पा: 0.4°C
इसके विपरीत, हिमाचल के ऊना में तापमान 28.2°C दर्ज किया गया, जिससे राज्य में दिन-रात के तापमान में भारी अंतर सामने आया।
कोहरा: अगले 5 दिन दृश्यता कम रहने की चेतावनी
उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, पश्चिम मध्य प्रदेश सहित पूर्वोत्तर भारत के कई क्षेत्रों में सुबह के समय हल्के से मध्यम कोहरे की संभावना है।
कई इलाकों में दृश्यता 500 मीटर तक सीमित हो सकती है।
यातायात विशेषज्ञों ने सलाह दी है:
वाहन की गति नियंत्रित रखें
हेडलाइट और फॉग लाइट का उपयोग करें
रेल और सड़क मार्ग पर अतिरिक्त सावधानी बरतें
दक्षिण भारत में भारी बारिश का अलर्ट
दक्षिण भारत में पूर्वोत्तर मानसून पूरी तरह सक्रिय है। श्रीलंका के दक्षिणी क्षेत्र और दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवाती प्रभाव के कारण नमी बढ़ रही है।
IMD के अनुसार:
तमिलनाडु, केरल और लक्षद्वीप-द्वीप समूह: भारी बारिश की चेतावनी
तटीय आंध्र प्रदेश, तटीय कर्नाटक और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक: हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना
बारिश के चलते निचले इलाकों में जलभराव, पेड़ गिरने और यातायात बाधित होने की स्थितियां बन सकती हैं।
