
देहरादून (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)उत्तराखंड की राजधानी देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में सोमवार देर रात बादल फटने से भारी तबाही मच गई। मूसलाधार बारिश के चलते तमसा नदी उफान पर आ गई और कई मकान, दुकानें, सड़कें और वाहन इसकी चपेट में बह गए। सहस्त्रधारा और मालदेवता समेत मसूरी तक भारी नुकसान की खबरें सामने आई हैं।
आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने जानकारी दी कि देहरादून में दो से तीन लोग लापता बताए जा रहे हैं, वहीं मसूरी में एक व्यक्ति की मौत की सूचना है जिसकी पुष्टि की जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रभावित इलाकों से अब तक 300 से 400 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है और बचाव अभियान लगातार जारी है।
टपकेश्वर महादेव मंदिर भी बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुआ। मंदिर परिसर में पानी भर गया और सुबह 5 बजे नदी का प्रवाह इतना तेज़ हो गया कि पूरा क्षेत्र जलमग्न हो गया। मंदिर के पुजारी आचार्य बिपिन जोशी ने बताया कि गर्भगृह सुरक्षित है, हालांकि आसपास के इलाकों में भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने लोगों से नदियों के पास न जाने की अपील की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “देहरादून के सहस्त्रधारा में भारी बारिश के कारण कुछ दुकानें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। ज़िला प्रशासन, एसडीआरएफ़ और पुलिस मौके पर पहुँचकर राहत एवं बचाव कार्य में लगे हुए हैं। मैं लगातार स्थानीय प्रशासन के संपर्क में हूँ और स्थिति पर व्यक्तिगत रूप से नज़र रख रहा हूँ।”
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी मुख्यमंत्री धामी से फ़ोन पर बात कर हालात की जानकारी ली और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री धामी ने इसके लिए केंद्र सरकार का आभार जताते हुए कहा कि प्रशासन पूरी सक्रियता के साथ युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव कार्य चला रहा है।
देहरादून से मिली तस्वीरों में तमसा नदी की बाढ़ से तबाही का मंजर साफ दिख रहा है। स्थानीय लोग कह रहे हैं कि इस तरह की स्थिति लंबे समय से नहीं देखी गई थी।
👉 यह आपदा न केवल भौतिक नुकसान लेकर आई है, बल्कि लोगों को गहरी चिंता और डर में भी डाल गई है।
