प्रस्तुत है दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग की विदूषी डॉ. अर्चना शुक्ला से हुई बातचीत के प्रमुख अंश
गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। ज्योतिष तिथियों का ज्ञान कराता है। किंतु हिंदू धर्म में पर्व मनाने की परंपरा धर्मशास्त्रीय विषय है, तिथि निर्णय के धर्म शास्त्रीय श्लोक का प्रमाण देते हुए कहती हैं
” प्रदोषे लक्ष्मीन्द्र कुबेरादी पूजा “
दीपोत्सव के पंच पर्व के महत्व पर प्रकाश डालते हुए डा. शुक्ला ने भीलोगों के मन में दीपावली पर्व को लेकर व्याप्त शंका का समाधान करते हुए कहा कि इस वर्ष दीपावली 31 अक्टूबर 2024 को क्यों मानना शास्त्र सम्मत है क्योंकि दीपावली में प्रदोष व्यापनी अमावस्या होनी चाहिए,अतः 1 नवंबर को प्रतिपदा युक्त अमावस्या पड़ रही है जो शास्त्रानुसार निषेध माना गया है,इसलिए इस वर्ष दीपावली का यह पर्व 31 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा! दीपावली पंच पर्व का त्यौहार है लेकिन इस वर्ष यहपर्व षडपर्व के रूप में मनाया जाएगा! धनतेरस से पंच पर्व की शुरुआत होती है अतःधनतेरस 29 अक्टूबर 2024 को मनाया जायेगा, त्रयोदशी को मनाया जाने वाला यह पर्व प्रदोष काल में स्थिर लग्न में भगवान धन्वंतरि, कुबेर, माँ लक्ष्मी की पूजा का विधान हैँ क्योंकि इस दिन भगवान धन्वंतरि का जन्मोत्सव भी मनाया जाता हैँ!
धनतेरस मंगलवार 29 अक्टूबर 2024 को प्रातः 10:31मिनट से प्रारंभ होकर बुधवार को 1:15 दोपहर तक रहेगा शुभ मुहूर्त प्रदोष काल का समय सर्वोत्तम माना जाता हैँ जिसमें 5:39 शाम से रात 8:13 तक जो खरीदारी व पूजन का विशेष समय होगा, शाम 6:33 से 8:29 तक वृष लग्न यानी स्थिर लग्न विद्यमान रहेगा इस समय काल में किया गया विशेष पूजन व खरीदारी जनमानस को धन प्राप्ति व स्वास्थ्य में विशेष सुविधा लेकर आएगा चिकित्सकों के लिए यह पर्व विशेष तौर पर चिकित्सकीय लाभ की प्राप्ति कराएगा व जनमानस कोआर्थिक सिद्धि में लाभ की प्राप्ति होगी!
इस वर्ष दीपावली के पावन पर्व पर 12 राशियों पर क्या प्रभाव पड़ने वाला है —
शुभ प्रभाव में आने वाली राशियां मेष, वृष, मिथुन, सिंह, मकर,कुंभ राशि वालों के लिए आर्थिक स्थिति में शुभता का प्रभाव,नए कार्य के लिए नए अवसर खुलेंगे,भाग्य की प्रबलता देखने को मिलेगी,बाधाएँ समाप्त होकर कार्य में गति प्रदान करेंगे, नए अवसर प्रदान होंगे, स्वास्थ्य में अनुकूलता देखने को मिलेगी।
अशुभ प्रभाव में आने वाली राशियां-कर्क, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु और मीन राशि वालों को स्वास्थ्य संबंधी, धन संबंधी, पारिवारिक जीवन में सामंजस्य संबंधी, विशेष सावधानी बरतनी होगी, कार्य में विलंब की संभावना बढ़ेगी। इसलिए धैर्य पूर्वक उचित प्रयास के बाद ही कार्य संपन्न होने की संभावना रहेगी।
इस वर्ष 31 अक्टूबर 2024 को लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त- प्रदोष काल में स्थित लग्न में पूजन करना शुभ माना जाता है। विशेषतः पूजन का काल प्रदोष काल ही सर्वोत्तम माना गया है, स्थिर लग्न में वृष लग्न,सिंह लग्न कुंभ लग्न और वृश्चिक लग्न सर्वश्रेष्ठ लक्ष्मी पूजन के लिए माना गया है।
शुभ लक्ष्मी पूजन मुहूर्त- बृहस्पतिवार 31 अक्टूबर 2024 को 6:27मिनट शाम से 8:23 मिनट रात तक सर्वोत्तम पूजन काल -दीप प्रज्वलन का समय होगा।
लक्ष्मी पूजन के लिए विशेष सामग्री पंचामृत, पान सुपारी गोमती चक्र, कौड़ी, गणेश लक्ष्मी मूर्ति, कुबेर व लक्ष्मी यंत्र, नारियल धनिया, हल्दी, कमल गट्टे की माला पूजन सामग्री कमल पुष्प फूल माला धान का लावा,मिष्ठान इत्यादि।
विशेष लक्ष्मी मंत्र व स्त्रोत जिसको करने से वर्ष पर्यंत मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होगी, कनकधारा स्त्रोत,श्री सूक्त का पाठ,सम्पुटित मंत्र ॐ श्री महालक्ष्मै नमः,श्री महालक्ष्मी पुराणोंक्त मंत्र —
या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मी रूपेण संस्थिता|
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ||
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