Thursday, October 16, 2025
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चिराग पासवान ने एनडीए में “सब ठीक” का संकेत दिया, कहा — बिहार विधानसभा चुनावों में अच्छी संख्या में सीटें चाहिए

पटना (राष्ट्र की परम्परा डेस्क) लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने हाल ही में एनडीए के भीतर अपने रुख़ को स्पष्ट करते हुए कहा है कि गठबंधन में सब ठीक है, लेकिन बिहार विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टी को सम्मानजनक और गुणवत्ता-युक्त संख्या की सीटें चाहिए।

चिराग ने संवाददाताओं से कहा कि सीटों के बंटवारे पर अभी औपचारिक चर्चाएँ शुरू नहीं हुई हैं, लेकिन उनकी पार्टी “सम्मानजनक संख्या” और “क्वालिटी सीटें” पाने की उम्मीद रखती है।उन्होंने यह भी दावा किया कि इस चुनाव लड़ाई में एनडीए 225 से अधिक सीटें जीत सकती है।

नीतीश कुमार की भूमिका पर चिराग ने कहा कि वे गठबंधन की मजबूत कड़ी हैं, और मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवारी उनके नेतृत्व में होगी। खुद उन्होंने स्पष्ट किया कि फिलहाल वो मुख्यमंत्री पद की दौड़ में नहीं हैं।
कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल
चिराग पासवान ने बिहार की वर्तमान कानून-व्यवस्था पर भी तीखा हमला किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अपने गृह जिले नालंदा का हवाला देते हुए कहा कि यदि वहाँ दिनदिहाड़े हत्या हो सकती है, तो यह बताता है कि अपराधियों का मनोबल कितना ऊँचा है और राज्य में कानून-व्यवस्था किस कदर ध्वस्त है।

लेकिन उन्होंने यह भी कहा है कि उनका यह बयान समर्थन से अलग नहीं है — सरकार का समर्थन करना आवश्यक है, मगर जनता की आवाज़ को उठाना भी उनका कर्तव्य है।
राजनीति और गठबंधन की रणनीति
चिराग ने कहा है कि एनडीए में सीट बंटवारा “क्षमता के अनुसार” होगा। किसी भी सीट पर फैसला तय-शुदा नहीं है, बल्कि गठबंधन की बातचीत और सहमति से होगा।

उन्होंने यह भी संकेत दिया है कि जनता दल (यू) के नेता नीतीश कुमार गठबंधन की विश्वास की मजबूत कड़ी हैं।

चिराग का कहना है कि जीत की संभावना सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए न कि सिर्फ सीटों की संख्या। “गुणवत्ता वाली सीटें” ऐसी हों, जहाँ जीत का स्ट्राइक-रेट अधिक हो सके।
चिराग पासवान का बयान यह संकेत है कि बिहार विधानसभा चुनावों से पहले एनडीए के भीतर असंतोष को टालने की कोशिश हो रही है, और गठबंधन को एकता के साथ मैदान में भेजने की रणनीति बनाई जा रही है। साथ ही, जनता और पार्टी कार्यकर्ता दोनों को यह विश्वास दिलाना चाहा जा रहा है कि एनडीए इस बार बड़ी सफलता के साथ उभरेगा, लेकिन इसके लिए सीटों के बंटवारे, नेतृत्व और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों पर संवेदनशील रणनीति बनानी होगी।

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