रांची।(राष्ट्र की परम्परा डेस्क) झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री मंईया सम्मान योजना से वर्तमान में लगभग 50 लाख महिलाएं लाभान्वित हो रही हैं। इस योजना के तहत प्रत्येक लाभुक महिला को प्रतिमाह 2500 रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है। अब राज्य सरकार इन महिलाओं को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में एक नई योजना लाने जा रही है, जिसका नाम “मुख्यमंत्री मंईया बलवान योजना” रखा गया है। इसकी आधिकारिक घोषणा राज्य स्थापना दिवस 15 नवंबर को की जाएगी।
झारखंड की 25वीं वर्षगांठ पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस योजना का शुभारंभ करेंगे। इस योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को सिर्फ आर्थिक सहायता तक सीमित न रखते हुए उन्हें स्वावलंबी और उद्यमी बनाना है। इसके लिए सभी लाभुक महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) से जोड़ा जाएगा और उन्हें स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे।
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राज्य सरकार चाहती है कि मंईया सम्मान योजना की राशि केवल बैंकों में न पड़ी रहे, बल्कि महिलाएं इस धनराशि का उपयोग अपने छोटे-छोटे व्यवसाय शुरू करने में करें। इसके लिए सरकार जोहार योजना के तहत अतिरिक्त वित्तीय सहायता भी उपलब्ध कराएगी। ग्रामीण विकास विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि योजना की रूपरेखा तैयार की जा रही है और शीघ्र ही इसका प्रस्ताव कैबिनेट को भेजा जाएगा। विभाग ने 15 नवंबर तक सभी तैयारियां पूरी करने का लक्ष्य रखा है।
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कई बार अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया है कि महिलाएं मंईया सम्मान योजना से मिलने वाली राशि का उपयोग केवल घरेलू खर्च तक सीमित न रखकर परिवार और स्वयं के सर्वांगीण विकास के लिए करें। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया है कि स्वरोजगार और उद्यमिता के लिए आवश्यक अतिरिक्त पूंजी सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान में राज्य सरकार मंईया सम्मान योजना के तहत हर महीने लगभग 1250 करोड़ रुपये लाभुक महिलाओं के बीच वितरित कर रही है। अब “मंईया बलवान योजना” से महिलाओं को न केवल आर्थिक मजबूती मिलेगी, बल्कि वे समाज और परिवार में एक नई पहचान भी बना पाएंगी।