नीरज कुमार मिश्र
महराजगंज (राष्ट्र की परम्परा)।सिसवा विकासखंड की चनकौली ग्राम पंचायत एक बार फिर सुर्खियों में है, लेकिन वजह विकास नहीं बल्कि कथित वित्तीय अनियमितताएं हैं। चनकौली पंचायत भवन घोटाला क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है। पंचायत भवन, जो ग्रामीण प्रशासन का केंद्र होना चाहिए, आज खुद बदहाली का प्रतीक बन चुका है। जर्जर छत, टूटी दीवारें, दरवाजों-खिड़कियों का अभाव और मूलभूत सुविधाओं की कमी साफ नजर आती है, जबकि कागजों में लाखों रुपये की मरम्मत दिखाई गई है।
ग्रामीणों के अनुसार पंचायत भवन की मरम्मत और कायाकल्प के नाम पर विभिन्न वित्तीय मदों से भुगतान किया गया। पंचम राज्य वित्त आयोग से 8 दिसंबर 2021 को ₹12,80,214, 15वीं राज्य वित्त आयोग से 9 दिसंबर 2022 को ₹1,30,654 और 30 मार्च 2024 को ₹1,59,300 का भुगतान दर्शाया गया है। आरोप है कि इन राशियों के अनुरूप जमीनी स्तर पर कोई ठोस कार्य नहीं हुआ, जिससे चनकौली पंचायत भवन घोटाला की आशंका और गहरी हो गई है।
मामले को और गंभीर बनाता है पंचायत क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय भवन का कथित दुरुपयोग। ग्रामीणों का कहना है कि विद्यालय को जर्जर बताकर उसे सचिव कार्यालय के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे शिक्षा विभाग की संपत्ति पर अवैध कब्जे और बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होने के आरोप लग रहे हैं।
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से पंचायत भवन मरम्मत से जुड़े सभी भुगतानों की स्थलीय जांच, उच्चस्तरीय जांच समिति गठित करने, दोषियों पर कठोर कार्रवाई, पंचायत भवन को मूलभूत सुविधाओं से लैस कराने और प्राथमिक विद्यालय भवन को शिक्षा विभाग को सौंपने की मांग की है।
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अब सवाल यह है कि प्रशासन चनकौली पंचायत भवन घोटाला पर कार्रवाई करेगा या यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा।
