February 5, 2025

राष्ट्र की परम्परा

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सीडीओ ने की मनरेगा योजनान्तर्गत खण्ड विकास अधिकारीयो समेत कार्यक्रम अधिकारी के साथ की समीक्षा बैठक

देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)। मुख्य विकास अधिकारी रवींद्र कुमार द्वारा महात्मा गांधी नरेगा अन्तर्गत प्रत्येक सोमवार को समस्त विकास खण्ड के कार्यक्रम अधिकारी एवं अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी के साथ योजनान्तर्गत महत्वपूर्ण विन्दुओं पर आयोजित समीक्षा बैठक में आवश्यक निर्देश दिये गये । योजनान्तर्गत भौतिक प्रगति में वार्षिक लक्ष्य के सापेक्ष प्रगति की समीक्षा मे 40.94 लाख मानव दिवस के सृजन के लक्ष्य के सापेक्ष अब तक 36.62 लाख मानव दिवस का सृजन किया गया है जो वार्षिक लक्ष्य के सापेक्ष 89.45 प्रतिशत है। सबसे कम प्रगति विकास खण्ड लार – 57.56, भागलपुर- 66.76, बरहज – 70.08, देवरिया सदर 70.50 एवं गौरीबाजार – 74.70 प्रतिशत ही पाये जाने पर सम्बन्धित खण्ड विकास अधिकारी / कार्यक्रम अधिकारी को “आरोप पत्र निर्गत किया गया एवं अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी को संविदा समापन हेतू नोटिस निर्गत करते हुए निर्देश दिये गये कि वार्षिक लक्ष्य के सापेक्ष शतप्रतिशत प्रगति करना सुनिश्चित करें।
मांग के सापेक्ष कार्य उपलब्ध कराये जाने की समीक्षा मे कुल 103246 परिवारों द्वारा कार्य की मांग की गयी जिसे सापेक्ष 89863 परिवारों को ही रोजगार उपलब्ध कराया गया है जिसमे सार्वधिक खराब प्रगति विकास खण्ड भागलपुर, गौरीबाजार, भलुअनी एवं लार की पायी गयी जहां 85 प्रतिशत से कम परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। खराब प्रगति के लिए सम्बन्धित कार्यक्रम अधिकारी / खण्ड विकास अधिकारी एवं अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी को कारण बताओ नोटिस निर्गत करते हुए निर्देश दिये गये कि कार्य की मांग करने वाले शतप्रतिशत परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
योजनान्तर्गत कार्य कर रहे परिवारो को 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध कराये जाने की समीक्षा मे जनपद के लक्ष्य 29017 के सापेक्ष मात्र 5216 परिवारों को ही 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराया गया है जिसमे विकास खण्ड लार-53, देवरिया सदर मे 199 एवं भागलपुर में 163 परिवारों को ही 100 दिवस को रोजगार उपलब्ध कराये जाने पर सम्बन्धित खण्ड विकास अधिकारी एवं अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी को ‘चेतावनी’ निर्गत किया गया एवं पिछले सप्ताह दिये गये लक्ष्य के सापेक्ष प्रगति नही पाये जाने पर समस्त विकास खण्डो को निर्देश दिये गये कि 93 से अधिक दिवस रोजगार प्राप्त कर चुके परिवारों का चिन्हांकन करते हुए उन्हे चल रहे कार्यों पर नियोजित करते हुए 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।