कविता

शीतऋतु

डाक हिमालय की बर्फीलीलेकर चलीं हवाएं,सुबह-शाम मैदानों कीसांकल चढ़कर खाकाएं। क्रूर-निर्दयी से मर्माहतबार-बार पिस-पिस केअंधियारे की बांहों मेंचांदनी कसमसा सिसकेकुहरे…

2 years ago

ख़ुशियों का शिल्पी

मित्रता कभी मिलने को तरसे,कभी साथ रहने को भी तरसे,इससे अच्छी मित्रता क्या होगी,बिना कभी मिले ही मित्रता रहे। रिश्तों…

2 years ago

लंकापति को श्राप अभिशाप

रावण पराक्रमी, बुद्धिमान ज्ञानी था,पर मारा गया श्रीराम के हाथों था,“विनाश काले विपरीत बुद्धि” कानारी से कई बार अभिशाप मिला…

2 years ago

लंकापति रावण को श्राप अभिशाप

रावण पराक्रमी, बुद्धिमान ज्ञानी था,पर मारा गया श्रीराम के हाथों था,“विनाश काले विपरीत बुद्धि” कानारी से कई बार अभिशाप मिला…

2 years ago

अहंकार से दूर सरल रहना है

जैसे जैसे कच्चा फल पकता जाता हैनर्म होकर उसका रंग बदलने लगता है,उस फल का स्वाद मीठा हो जाता है,वही…

2 years ago

समस्या से भागने से समाधान नहीं होता :

यदि हम दूसरों के लिए प्रार्थनाकरने की आदत डाल लेते हैं तोहमें स्वयं के लिए प्रार्थना करने कीशायद आवश्यकता ही…

2 years ago

ख़ुशियाँ, त्याग : सत्य व धैर्य

ख़ुशी पाने के लिए दुःख से गुजरनापड़ता है, यही अनुभव भी कहता है,यह अक्सर देखा है कि ख़ुशी पाने केलिये…

2 years ago

नवगीत

डाक हिमालय की बर्फीली लेकर चलीं हवाएं, सुबह-शाम मैदानों की सांकल चढ़कर खटकाएं। क्रूर-निर्दयी से मर्माहतबार-बार पिस-पिस के,अंधियारे की बांहों…

2 years ago

जीवन की वास्तविकता

मैने सबसे समझौते किए होते हैं, इसलिये हर कोई मुझसे ख़ुश रहता है,मैं सबसे ख़ुश रहता हूँ क्योंकि मैंसबकी ग़लतियाँ…

2 years ago

दो कविताएं

1- दोस्ती में ख़ारिज हुआ पर हारा नहीं हूँ स्वस्थ तंदुरुस्त रहने का राज मेराकुछ लोग, कुछ मेरे मित्र पूँछते…

2 years ago