कविता

चार आश्रम,चार पुरुषार्थ

जीवन के तीन प्रहर बीते,बस एक प्रहर ही बाकी है,तीन आश्रम बीत चुके,सन्यासी जीवन बाक़ी है।बृह्मचर्य, गृहस्थ रहकर हीवानप्रस्थ भी…

2 months ago

चिता में जलने के बाद

जीवन में निराश होकर रहना औरोंकी चमक देख ही विचलित होना है,उनकी सफलता नहीं संघर्षों से भी,हमने खुद को अवगत…

2 months ago

सबको ख़ुश रख पाना मुश्किल काम

कहते हैं कि सबको ख़ुश रख पानाबहुत ही मुश्किल भरा काम होता है,एक को ख़ुश करो दूसरा अपने आप,बरसाती मेंढक…

2 months ago

जाति और धर्म भाषा के नाम पर हम लड़े और लड़ कर बिखरते रहे

गैरो ने भाप ली अपनी कमजोरियांबांटते वो रहे और हम बटते रहे।।शादियों पहले यही तो हुआहम जाति -पाती के नाम…

2 months ago

राम-कृष्ण की जन्मभूमि

कोई नाराज़ होता है होने दो,वह भारत के मेहमान नहीं हैं,सारे संसार से वह लड़ते हैं,इनके कोई सिद्धांत नहीं हैं।…

2 months ago

महाप्रभु त्रिलोकी

महासुदर्शन धर वासुदेव को नमन,श्री धन्वंतरि भगवान जी को नमन,अमृत कलश जिनके हाथों में है,महाप्रभू त्रिलोकनाथ को नमन। सर्व भय…

2 months ago

हमारे शब्द और सोच

हमारे शब्द और हमारी सोच दोनोही अत्यंत संवेदनशील होते हैं,कभी इनसे नज़दीकियाँ बढ़ती हैं,तो कभी हमारी दूरियाँ बढ़ा देते हैं।…

2 months ago

गुप्त नवरात्रि:नौवीं महाविद्या मातंगी देवी

नौवीं महाविद्या मातंगी माता,दस महाविद्याओं में से एक हैं,मातंगी माता वाणी, कला औरसंगीत की देवी मानी जाती हैं। धार्मिक ग्रंथों…

2 months ago

ईश्वर सबको प्रसन्न रखता है

जैसे ईश्वर सबको प्रसन्न रखता है,इसलिए सबपर दया भाव रखता है,वैसे ही मनुष्य से सब ख़ुश रहते हैं तोउसे भी…

2 months ago

यादें

पहले आप-पहले आप बुत पत्थरों की भाँति ख़ामोश हैं,आज लोगों के रिश्ते और सम्बंध,पहले आप पहले आप भूल गए हम,पहले…

3 months ago