जीवन के तीन प्रहर बीते,बस एक प्रहर ही बाकी है,तीन आश्रम बीत चुके,सन्यासी जीवन बाक़ी है।बृह्मचर्य, गृहस्थ रहकर हीवानप्रस्थ भी…
जीवन में निराश होकर रहना औरोंकी चमक देख ही विचलित होना है,उनकी सफलता नहीं संघर्षों से भी,हमने खुद को अवगत…
कहते हैं कि सबको ख़ुश रख पानाबहुत ही मुश्किल भरा काम होता है,एक को ख़ुश करो दूसरा अपने आप,बरसाती मेंढक…
गैरो ने भाप ली अपनी कमजोरियांबांटते वो रहे और हम बटते रहे।।शादियों पहले यही तो हुआहम जाति -पाती के नाम…
कोई नाराज़ होता है होने दो,वह भारत के मेहमान नहीं हैं,सारे संसार से वह लड़ते हैं,इनके कोई सिद्धांत नहीं हैं।…
महासुदर्शन धर वासुदेव को नमन,श्री धन्वंतरि भगवान जी को नमन,अमृत कलश जिनके हाथों में है,महाप्रभू त्रिलोकनाथ को नमन। सर्व भय…
हमारे शब्द और हमारी सोच दोनोही अत्यंत संवेदनशील होते हैं,कभी इनसे नज़दीकियाँ बढ़ती हैं,तो कभी हमारी दूरियाँ बढ़ा देते हैं।…
नौवीं महाविद्या मातंगी माता,दस महाविद्याओं में से एक हैं,मातंगी माता वाणी, कला औरसंगीत की देवी मानी जाती हैं। धार्मिक ग्रंथों…
जैसे ईश्वर सबको प्रसन्न रखता है,इसलिए सबपर दया भाव रखता है,वैसे ही मनुष्य से सब ख़ुश रहते हैं तोउसे भी…
पहले आप-पहले आप बुत पत्थरों की भाँति ख़ामोश हैं,आज लोगों के रिश्ते और सम्बंध,पहले आप पहले आप भूल गए हम,पहले…