भावनाओं को समझ ले जो
भावनाओं को समझ ले जो इंसानवह सबसे पढ़ा लिखा इंसान होता है,वह इंसान फिर चाहे अति विद्वान होया फिर निरा अनपढ़ ही क्यों न हो। ईर्ष्या, नफ़रत और चालाकी शहरहर…
भावनाओं को समझ ले जो इंसानवह सबसे पढ़ा लिखा इंसान होता है,वह इंसान फिर चाहे अति विद्वान होया फिर निरा अनपढ़ ही क्यों न हो। ईर्ष्या, नफ़रत और चालाकी शहरहर…
कुछ मित्र ऐसे अवश्य होते हैं,चाहे पास रहें अथवा दूर रहें,बात कर सकें या नहीं कर सकें,पर हमेशा महत्व पूर्ण होते हैं। सात सत्य बातें महत्वपूर्ण हैं,दर्पण कभी झूठ नहीं…
उत्सव और पर्व मानव मन कोस्वभाव वश आनंदित करते हैं,उत्सव पर्व स्वाभाविक स्थिति हैंहम हर पल इस स्थिति में जीते हैं। उत्सव पर्व तिथि अनुसार ही क्यों,तिथियां बस स्मृति मात्र…
जब तक गंगा यमुना में पानी है,तब तक जीवन की ज़िम्मेदारी हैं,इंतज़ार करोगे पानी रुके कब तककब आयेगी ख़ुशियों की बारी हैं। पानी का बहना नहीं रुकेगा कभी,ज़िम्मेदारी न ख़त्म…
संतोष धन मिल जाता है तो हमारेजीवन में सुख शान्ति आ जाती है,चरित्र धन मिल जाता है तो मानवजीवन में सार्थकता आ जाती है । चरित्र सबसे बड़ी स्थायी सम्पत्ति…
बचपन के मित्र हैं हम दोनोंएक साथ खेले और कूदे हैं,साथ साथ पढ़े लिखे भी हैं,साथ साथ ही बड़े भी हुये हैं। इसीलिये शायद हम – आपपरम स्नेही मित्र बन…
बसुधैवक़ुटुम्बकम् की सोच,बहुत ही पुरानी सी लगती है,इस विचार पर बात करना भी,बहुत ही अजीब सी लगती है। यह सारा विश्व क्या अपनादेश और समाज ही देख लो,अपना कुटुम्ब भी…
क्या क्या दिखलाया जाता भोलीभाली भारतवर्ष की हमारी जनता को,हिंसा खुलेआम नंगापन, छल कपट,नीचा दिखलाना भाई का भाई को। जो कुछ सिखाया था हमारे पुरखों ने,पैसों की ख़ातिर भूले संस्कार…
जब सोशल मीडिया सकारात्मकभूमिका अदा करता है तब किसी भीव्यक्ति, संस्था, समाज व देश कोसब तरह से समृद्ध बनाया जाता है। विकासात्मक कार्य होते हैं जिनसेलोकतंत्र को समृद्ध बनाया जाता…
आज एक दूसरे को नीचा दिखाने का,हर किसी को ख़ुद से कम आंकने का,झूठ फ़रेब के सहारे बदनाम करने का,रिवाज चल पड़ा है धौंस जमाने का। मोमबत्ती व अगरबत्ती की…
वह शक्ति हमें दो नारायण,अपने पैरों पर खड़ा रहूँ ।अपने पैरों पर ही चलकर,तव दर्शन को प्रभु आ जाऊँ । इतनी सदबुद्धि देना प्रभु,दिन रात बैठकर चरणों में,हर शाम सुबह…
स्वयं से प्रश्न करोगे तो सारेप्रश्नों के उत्तर मिल जाते हैं,यदि औरों से प्रश्न क़रोगे तोनये नये प्रश्न खड़े हो जाते हैं। ग़लत राह में दौड़ लगाने से अच्छा,सरल मार्ग…
वैसे तो मौन सकारात्मक गुण है,पर जब समझदार लोग मौन औरनासमझ लोग ख़ूब बोलने लगते हैंतो घर व समाज बर्बाद होने लगते हैं। गन्दा जल शान्त छोड़ दिया जाता है,तो…
शांत है लुंबिनी की पगडंडी,जहाँ फूलों ने पहले देखा प्रकाश,राजकुमार की पहली हँसी में,छुपा था अनंत का एक उलझा प्रकाश। जन्मा था एक प्रश्न वहाँ,चक्रवर्ती नहीं, चैतन्य का दीपक,महलों की…
धरा पर नीम के वृक्ष काटे जा रहे हैंदिलों में कड़वाहट बढती जा रही है।जीभ स्वाद कड़वा होता जा रहा है,वाणी में मधुरता कम होती जा रही है। शरीर में…