श्रीराम आइये अवधपुरी में अब, ज्योत्सना जली है लाखों दीपों की, रोशन अवधपुरी का...
कविता
दीवाली के दो दिन पहले धनतेरसका पर्व कार्तिक कृष्ण पक्ष कीत्रयोदशी को अति धूम...
दीवाली का हम सब इंतज़ार करते हैं,प्रथम पूज्य श्रीगणेश की पूजा कर,माता श्री लक्ष्मी...
करता था सो क्यों किया,अब करि क्यों पछताय।बोया पेड़ बबूल काआम कहां से खाये॥...
बुझा दीपक कैसे जलेगाबाती भी सुलग चुकी है,चिकनाई ही कहाँ बची हैरोशनी भी बुझ...
त्योहार परम पुण्य पुरुषार्थ यह,दीपावली शुभ दिव्यार्थ मय यह,द्वार द्वार दीप ज्योति जलती रहे,तिमिर...
मेरा दीपक हवा के खिलाफकैसे और क्यों कर जलता है,क्योंकि मैं तो अमन पसंद...
भूखे भजन न होहिं गोपाला भूखे भजन न होहिं गोपाला।ले तेरी कंठी ले तेरी...
दोस्त की खोज तो सभी करते हैं,अच्छे दोस्त की खोज जो करते हैं,छोटे दिल...
“आ बैल मुझे मार”वाली हालत हो गई है,क्योंकि वो बैठे हुये हैं“कान में तेल...
चाँदनी का नियंत्रण सभी इंद्रियों पर,चंद्रमा जादूगर है आत्मा परमात्मा का,शरद पूर्णिमा आश्विन मास...
चरण स्पर्श से ऊँचा हृदय मेंमान सम्मान व प्रेम होता है,किसी को प्रणाम करने...
पत्थर रगड़ इंसान ने आग था खोजाऔर इंसान इंसान से ही जलने लगा,बिना कपड़ों...
———1———मौन वृक्ष में शांति के फ़ुल आते हैं,जिसके फल संतुष्टि देकर जाते हैं।संतुष्टि देकर...