March 14, 2025

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

कविता

क्रूर-निर्दयी से मर्माहतबार-बार पिस-पिस के,अंधियारे की बांहों मेंचांदनी कसमसा सिसके,रातों पर नागिन बयार केजहर...
जाड्यंधियोहरति सिंचतिवाचि सत्यं,मान्नोनतिं दिशति पापमपकरोति।चेतःप्रसादयति दिक्षुतनोति कीर्तिं,सत्संगतिः कथयकिंनकरोति पुंसाम्। सज्जनों की संगति मनुष्यको क्या...