



प्रत्याशियों के सामने फल व सब्जी मंडी बना चुनावी मुद्दा
उतरौला (बलरामपुर) (राष्ट्र की परम्परा)।नगर पालिका परिषद उतरौला के चुनाव में आरक्षण की घोषणा के बाद चुनावी मुद्दा गरमाने लगा है। अध्यक्ष पद अनारक्षित होने पर सभी जातियों के प्रत्याशियों ने अपनी कमर कस ली है और जनसंपर्क तेज कर दिया है। जनता के बीच में प्रत्याशियों के जन सम्पर्क शुरू कर दिए जाने से चुनावी मुद्दा गरमाने लगा है। नगरवासियों के थाली में पहुंचने वाले सब्जी के लिए कोई सब्जी मंडी आजादी के बाद से नहीं बन सकी है। फल मंडी भी न बनाएं जाने से नगरवासियों को सड़कों पर लगे ठेले से फल खरीदनी पड़ती है। नगर पालिका परिषद उतरौला ने नागरिकों की सुविधा के लिए फल व सब्जी मंडी स्थल का निर्माण एसडीएम उतरौला के आवास के बगल पचासों वर्ष पहले बनाया था लेकिन इसमें बनी दुकानों का किराया काफी अधिक होने से कोई दूकानदार इसके दूकानों को किराए पर नहीं ले सका। मजबूरन नगर पालिका परिषद उतरौला ने फल व सब्जी मंडी को कबाड़खाना बना दिया है। वर्तमान समय में फल व सब्जी मंडी स्थल पर नगर पालिका परिषद उतरौला के कबाड़,खराब पड़े वाहन व पुराने सामान रखें जाते हैं।
आगामी नगर पालिका परिषद उतरौला के चुनाव में प्रत्याशियों के सामने फल व सब्जी मंडी चुनावी मुद्दा बना हुआ है। मोहल्ला सुभाष नगर निवासी मोहम्मद शमीम बताते हैं कि उतरौला कस्बे की आबादी लगभग तीस हजार होने पर एक भी फल व सब्जी मंडी स्थल का निर्माण नहीं हो सका। मंडी न होने से नागरिकों को महंगे दामों पर फल व सब्जी खरीदनी पड़ती है। इस बार प्रत्याशियों के सामने मंडी स्थल निर्माण का चुनावी मुद्दा रहेगा। मोहल्ला पटेल नगर निवासी इशरत अबरार बताते हैं कि उतरौला में फल व सब्जी मंडी निर्माण के लिए किसी जन प्रतिनिधि ने कोई प्रयास नहीं किया। विशाल टाकीज़ के पास निजी मकानों में सब्जी मंडी अस्थाई रूप से चल रही है। फल मंडी नगर में जगह जगह निजी मकानों में अस्थाई रूप से चल रही है। लेकिन नगर पालिका परिषद उतरौला ने स्थाई रूप से कोई फल व सब्जी मंडी नहीं संचालित की है। मोहल्ला आर्य नगर निवासी राम कुमार कसेरा बताते हैं कि इस बार फल व सब्जी मंडी का नगर पालिका परिषद उतरौला द्वारा संचालित न किए जाने का मुद्दा प्रत्याशियों के सामने चुनावी मुद्दा उभर कर आया है। नगरवासी उसी प्रत्याशी का समर्थन करेगा जो नगरवासियों को फल व सब्जी मंडी का सौगात देंगे। मोहल्ला आर्य नगर निवासी कैश मोहम्मद बताते हैं कि नगर के निजी मकानों में सब्जी मंडी होने से नागरिकों को महंगे दामों पर सब्जी खरीदनी पड़ती है। नगर पालिका परिषद उतरौला कोई फल व सब्जी मंडी का संचालन नहीं करती है। इस बार चुनाव में उसी प्रत्याशी का समर्थन नगरवासी करेंगे जो नगर पालिका परिषद उतरौला के द्वारा फल व सब्जी मंडी का संचालन करायेगे। इस बार फल व सब्जी मंडी का मुद्दा प्रत्याशियों के सामने उठाया जा रहा है। दीवानी कचहरी में टाइपिस्ट का कार्य कर रहे जान मोहम्मद बताते हैं कि इस भीषण महंगाई में फल व सब्जी मंडी न होने से महंगे दामों पर नागरिकों को फल व सब्जी खरीदनी पड़ती है। सरकार ने नगर में फल व सब्जी मंडी का कोई इंतजाम नहीं कर रखा है। इस बार नगर पालिका परिषद उतरौला के चुनाव में इसका मुद्दा जोर शोर से उठ रहा है। पचासों वर्ष पहले नगर पालिका परिषद उतरौला से पचासों लाख रुपए के लागत से बनी फल व सब्जी मंडी की दूकाने महंगी होने से दूकानदार इसकी दूकानों को किराए पर नहीं लिया। मजबूरन नगर पालिका परिषद उतरौला इसको कबाड़खाना में तब्दील कर दिया है। नगरवासियों में इस बार फल व सब्जी मंडी के संचालन का मुद्दा तेजी से उठ रहा है। नागरिक उसी प्रत्याशियों का समर्थन करेगी जो नागरिकों को फल व सब्जी मंडी की सौगात देंगे।
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