
सोनभद्र (राष्ट्र की परम्परा डेस्क) सोनभद्र जिले में खनन को लेकर गंभीर गड़बड़ियों का खुलासा हुआ है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट ने पूरे तंत्र की पोल खोल दी है। रिपोर्ट में सामने आया है कि यहां खनन परिवहन में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, बिहार के कुख्यात चारा घोटाले की तर्ज पर यहां भी धांधली हो रही है। आश्चर्यजनक रूप से गिट्टी और बालू का परिवहन एंबुलेंस, ई-रिक्शा और शव वाहनों के नाम पर दिखाया गया है। यह पूरा खेल प्रशासन और खनन विभाग की नाक के नीचे चलता रहा।
सूत्रों के मुताबिक, सोनभद्र में आज भी फर्जी परमिट का खेल जारी है। चर्चित खनन कारोबारी मिंटू राय के ट्रक बिना परमिट के ही खनन क्षेत्र से निकल जाते हैं। खनन प्वाइंट पर प्रपत्रों की औपचारिक जांच तक नहीं की जाती। इसमें विभागीय अधिकारियों की सीधी मिलीभगत सामने आ रही है।
जानकारी के अनुसार, खनन अधिकारी शैलेंद्र पटेल पर मिंटू राय को संरक्षण देने का आरोप है। सीएजी रिपोर्ट आने के बाद भी जिले में कोई ठोस सुधार नहीं किया गया है। नतीजतन, अवैध खनन, अवैध भंडारण और अवैध परिवहन का सिलसिला लगातार जारी है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस पूरे खेल में न सिर्फ सरकारी राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है, बल्कि खनन से होने वाला पर्यावरणीय नुकसान भी अनियंत्रित रूप से बढ़ता जा रहा है।
इस मामले ने शासन-प्रशासन की कार्यप्रणाली और निगरानी व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।