लखनऊ (राष्ट्र की परम्परा)। उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार खरमास समाप्त होने के बाद योगी सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार किया जा सकता है। इस संभावित विस्तार में पश्चिमी उत्तर प्रदेश को विशेष तरजीह दिए जाने की संभावना जताई जा रही है।
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सूत्रों का कहना है कि आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल में फेरबदल किया जा सकता है। जातीय और क्षेत्रीय संतुलन साधने पर विशेष जोर रहेगा, ताकि सरकार की राजनीतिक और सामाजिक पकड़ को और मजबूत किया जा सके। पश्चिमी उत्तर प्रदेश लंबे समय से प्रतिनिधित्व बढ़ाने की मांग करता रहा है, ऐसे में इस क्षेत्र से नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है।
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केवल नए मंत्रियों की नियुक्ति ही नहीं, बल्कि कई मौजूदा मंत्रियों के विभागों में भी बड़े बदलाव संभव हैं। कार्य प्रदर्शन, क्षेत्रीय समीकरण और राजनीतिक रणनीति के आधार पर विभागों का पुनर्वितरण किया जा सकता है। माना जा रहा है कि सरकार इस कदम के जरिए संगठन और प्रशासन दोनों स्तरों पर नई ऊर्जा भरने की तैयारी में है।
हालांकि अभी तक इस संबंध में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चाएं तेज हैं। आने वाले दिनों में इस पर स्थिति और स्पष्ट होने की उम्मीद है।
