
पीएम मोदी, सीएम योगी के साथ स्थानीय निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से लगाई गुहार
बहराइच (राष्ट्र की परम्परा) उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल बहराइच ने बहराइच महायोजना 2031 के वर्तमान स्वरूप संदेहास्पद व त्रुटिपूर्ण बतलाया है और कड़ा विरोध दर्ज कराते हुए इसे रद्द करने व इस पर नये सिरे से विस्तृत सुनवाई किए जाने की मांग संबंधी सैकड़ों व्यापारियों द्वारा हस्ताक्षरित जिलाधिकारी बहराइच को संबोधित एक ज्ञापन नगर मजिस्ट्रेट ज्योति राय को सौंपा है।
उद्योग व्यापार मंडल अध्यक्ष कुलभूषण अरोरा, महामंत्री दीपक सोनी “दाऊजी”, वरिष्ठ उपाध्यक्ष बृजमोहन मातन हेलिया तथा व्यापार मंडल से जुड़े व्यापारी नेता अब्दुल सईद, अल्ताफ मेकरानी, घनश्याम सिंह, दीपक सरदार आदि की मौजूदगी में एक प्रतिनिधिमंडल ने को जिलाधिकारी दिनेश चंद्र सिंह व नगर मजिस्ट्रेट ज्योति राय से मिलकर उन्हें व्यापारियों व शहर वासियों की महायोजना से होने वाली परेशानियों से अवगत कराया।
उद्योग व्यापार मंडल पदाधिकारियों ने बताया कि नगर मजिस्ट्रेट के माध्यम से डीएम को संबोधित ज्ञापन में लिखा गया है । बहराइच महायोजना 2031 (प्रारूप) के अधिकांश प्रस्ताव त्रुटिपूर्ण व भ्रामक तथ्यों के आधार पर दिए गये हैं। व्यापार मंडल का मानना है कि योजना में दर्ज प्रस्ताव यदि जस के तस लागू हुए तो छोटे- बड़े सैकड़ों व्यापारी बेरोजगार हो जाएंगे और उनके परिवारों के हजारों सदस्यों के भूखे मरने की नौबत आ सकती है।व्यापारियों ने डीएम से विशेष तौर पर आग्रह किया है किया हैl महायोजना के वर्तमान प्रारूप को निरस्त कर इस पर दोबारा नये सिरे से विस्तृत सुनवाई की जाए।ज्ञापन में लिखा गया है कि बीती 18 अक्टूबर 2022 को कलेक्ट्रेट सभागार, बहराइच में सम्पन्न बैठक में हुए निर्णयों के अनुसार उद्योग व्यापार मंडल, बहराइच व उससे जुड़े तमाम व्यापारिक संगठनों के पदाधिकारियों व सैकड़ों लोगों ने प्रशासनिक व नोडल विभाग के अधिकारियों के साथ शहर के बाजारों का भौतिक स्थलीय निरीक्षण व सड़कों की दर्जनों स्थानों पर नाप की थी l व्यापारियों ने आरोप लगाया कि कलेक्ट्रेट सभागार में हुई बैठक व अन्य मुलाकातों में नोडल विभाग के अधिकारियों ने व्यापार मंडल व प्रशासनिक अधिकारियों को गुमराह करने की कोशिश की थी।ज्ञापन में कहा गया है कि शहरीकरण के नाम पर मौजूदा छोटे छोटे व्यापारियों को बेरोजगार बनाने और उन्हें बर्बाद करने की बजाय पहले यह बाईपास व पार्किंगों की जरूरत पूरी की जाए।
शहर के बाहरी हिस्सों में नयी विकास की योजनाएं लाकर शहर का कायाकल्प करने की जरूरत है।
शहर के घने बाजारों की सड़कों को चौड़ा करने के अव्यवहारिक व त्रुटिपूर्ण प्रस्ताव को खारिज करने की मांग की गई है।
ज्ञापन में कहा गया है कि महायोजना के प्रस्तावों को पूरी तरह से निरस्त कर महायोजना (प्रारूप) तैयारकर्ता फर्म को ब्लैकलिस्ट किया जाए तथा भ्रामक तथ्य प्रस्तुत कर त्रुटिपूर्ण प्रारूप बनाने वाले जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ शिक्षाप्रद कार्रवाई की जाए। यह भी कहा गया कि भविष्य में जो योजनाएं बनें उससे पहले विस्थापित होने वाले मकान-मालिक व किराएदार दुकानदारों के पुनर्वास व उनके मुआवजे का समुचित बंदोबस्त किया जाए। योजना बनाते समय उद्योग व्यापार मंडल, शहर के संभ्रान्तजन व जिम्मेदार नागरिकों की सलाह अवश्य ली जाए जिससे यह महायोजना आमजन के विनाश का कारक ना बनकर विकास का प्रतीक बन सके।व्यापारी नेताओं ने बताया की जिलाधिकारी दिनेश चंद्र सिंह ने हर हाल में न्याय होने का आश्वासन व्यापारियों के दल को दिया है।
ज्ञापन की एक एक प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, सांसद अक्षयवर लाल, एमएलसी डाक्टर प्रज्ञा त्रिपाठी, सदर विधायक अनुपमा जायसवाल, अध्यक्ष जिला पंचायत मंजू सिंह, अध्यक्ष नगर पालिका रुबीना रेहान तथा भाजपा जिलाध्यक्ष श्यामकरन टेकड़ीवाल सहित अन्य राजनीतिक दलों को भेजी जा रही है।
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