लखनऊ (राष्ट्र की परम्परा डेस्क) नगर निगम की कार्यवाही पर सवाल खड़े करते हुए बीजेपी पार्षद अरुण राय ने सदन में पॉलिथिन प्रतिबंध के मुद्दे पर जोरदार आवाज़ उठाई। उन्होंने कहा कि नगर निगम की कार्रवाई केवल छोटे दुकानदारों तक सीमित है, जबकि बड़े पैमाने पर पन्नी बनाने वाली फैक्ट्रियों पर किसी तरह की सख़्ती नहीं की जाती।
अरुण राय ने आरोप लगाया कि निगम की टीम छोटे दुकानदारों से 50 ग्राम पन्नी जब्त कर 2 से 3 हज़ार रुपये का जुर्माना वसूलती है, लेकिन सवाल यह है कि जब्त की गई पन्नी आखिर जाती कहां है। उन्होंने नगर निगम से यह जानकारी देने की मांग की कि ज़ब्त पन्नी किस स्थान पर रखी जाती है और उसका निस्तारण किस प्रक्रिया से किया जाता है।
इस पर मेयर ने नगर आयुक्त को जवाब देने के लिए कहा, लेकिन जब भी नगर आयुक्त से सवाल किया गया तो उन्होंने कभी “चीफ” को बोलने के लिए कहा, तो कभी “पर्यावरण अभियंता” की ओर इशारा कर दिया।
बीजेपी पार्षद अरुण राय ने साफ़ कहा कि यदि बड़ी फैक्ट्रियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो पॉलिथिन प्रतिबंध केवल दिखावा साबित होगा। उन्होंने पर्यावरण अभियंता संजीव प्रधान को हटाए जाने की मांग भी सदन में रखी।
गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने पर्यावरण संरक्षण के तहत प्रतिबंधित पॉलिथिन पर सख़्ती के निर्देश दिए हैं, लेकिन नगर निगम की मौजूदा कार्यप्रणाली पर उठे सवाल प्रशासन की कार्यवाही पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े कर रहे हैं।