बाराबंकी।(राष्ट्र की परम्परा डेस्क) श्रीराम स्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी (SRMU) पर बिना मान्यता विधि संकाय (Law Faculty) संचालित करने के मामले में गुरुवार देर शाम बड़ी कार्यवाही हुई। अपर सचिव, उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा परिषद डॉ. दिनेश सिंह ने नगर कोतवाली बाराबंकी में विश्वविद्यालय प्रबंधन के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है।

यह कार्रवाई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर 24 घंटे के भीतर पूरी की गई। इससे पहले अयोध्या मंडलायुक्त और आईजी की संयुक्त जांच रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ कि विश्वविद्यालय ने 2023-24 व 2024-25 में बिना मान्यता ही विधि की कक्षाएं चलाईं, छात्रों से प्रवेश लिए और परीक्षाएं भी कराईं।

एसपी बाराबंकी अर्पित विजयवर्गीय ने पुष्टि की कि विश्वविद्यालय प्रबंधन पर धोखाधड़ी समेत अन्य गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी गई है। एफआईआर में यह भी उल्लेख है कि मामले को लेकर विरोध करने वाले ABVP कार्यकर्ताओं पर बल प्रयोग किया गया था।

गौरतलब है कि गुरुवार को ही विश्वविद्यालय ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) से प्राप्त पत्र प्रस्तुत किया था, लेकिन देर शाम तक मुकदमा दर्ज हो गया।

न्यायालय का स्पष्ट आदेश मुकदमा दर्ज करते समय Writ No. 2758/2025, व्योम गर्ग एवं अन्य बनाम मध्य प्रदेश राज्य एवं अन्य का हवाला दिया गया है। जबलपुर हाईकोर्ट ने इस आदेश में विधि महाविद्यालयों की मान्यता और नवीनीकरण की सख्त समय-सीमा तय की थी। आदेशानुसार –

विश्वविद्यालय को संबद्धता नवीनीकरण 31 दिसंबर तक पूरा करना होगा।संस्थानों को उसी तारीख तक BCI के पास आवेदन और शुल्क जमा करना होगा।BCI को आवेदन पर 15 फरवरी तक निर्णय लेना होगा और मार्च तक पोर्टल पर अपडेट करना अनिवार्य है।

अनुपालन न करने पर संस्थान की मान्यता स्वतः समाप्त मानी जाएगी और यदि फिर भी प्रवेश होते हैं तो संस्थान प्रबंधन के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई होगी।

एफआईआर में मुख्य बिंदु SRMU ने जांच दिवस तक मान्यता पंजीकरण प्रस्तुत नहीं किया। छात्रों को बिना वैध मान्यता के दाखिला दिया गया। परीक्षाएं भी कराई गईं, जिससे छात्रों का भविष्य संकट में पड़ा। विरोध करने वाले छात्र संगठन कार्यकर्ताओं पर बल प्रयोग का भी उल्लेख।एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने इस कार्रवाई को अपनी बड़ी जीत बताया है। वहीं, अब विवेचना आगे बढ़ने से विश्वविद्यालय प्रबंधन की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।