
श्रम संसाधन विभाग ने लागू की नई नियमावली, राज्य के दो लाख से अधिक कामगारों को होगा सीधा लाभ
पटना (राष्ट्र की परम्परा डेस्क) बिहार के रजिस्टर्ड कारखानों में काम करने वाले मजदूरों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। श्रम संसाधन विभाग ने कारखानों में कार्यरत मजदूरों के हित में नई नियमावली तैयार की है, जिसके तहत अब मजदूरों से अधिकतम 8 घंटे प्रतिदिन और 48 घंटे प्रतिवर्ष सप्ताह में ही कार्य लिया जाएगा।
यदि किसी फैक्ट्री में मजदूरों से निर्धारित समय से अधिक काम कराया जाता है, तो मालिक को ओवरटाइम का दोगुना वेतन देना अनिवार्य होगा। इससे पहले तक ओवरटाइम का भुगतान प्रति घंटे के हिसाब से मामूली दर पर किया जाता था, जिससे श्रमिकों का आर्थिक शोषण होता रहा।
श्रम संसाधन विभाग के मुताबिक, इस निर्णय से राज्य भर के 8 हजार से अधिक निबंधित कारखानों में काम करने वाले करीब दो लाख से अधिक श्रमिकों को सीधा फायदा मिलेगा। अब तक निजी और रजिस्टर्ड फैक्ट्रियों में श्रमिकों से अधिक काम लिया जाता रहा है, लेकिन उसके एवज में उचित मेहनताना नहीं मिलता था।
रोजाना अधिकतम 8 घंटे ही काम करना होगा।हफ्ते में 48 घंटे से अधिक कार्य नहीं लिया जा सकता।अगर आवश्यकता के तहत ओवरटाइम करवाना पड़े, तो मजदूर को उसके बदले दोगुना वेतन देना होगा।नियम का उल्लंघन करने वाले कारखाना मालिकों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मजदूर संगठनों की प्रतिक्रिया
मजदूर संगठनों ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है। बिहार श्रमिक संघ के अध्यक्ष राजेन्द्र पासवान ने कहा, “यह फैसला मजदूरों के हित में क्रांतिकारी है। लंबे समय से हम ऐसे नियम की मांग कर रहे थे, जिससे श्रमिकों को न्याय मिले।”
प्रशासन की चेतावनी
श्रम विभाग ने सभी फैक्ट्री मालिकों को स्पष्ट निर्देश जारी किया है कि वे नियमावली का कड़ाई से पालन करें। विभागीय अधिकारियों की टीम समय-समय पर औचक निरीक्षण भी करेगी। उल्लंघन पाए जाने पर फैक्ट्री मालिक पर जुर्माना और लाइसेंस रद्द तक की कार्रवाई की जा सकती है।
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