बस्ती (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। जिले में वर्ष 2018 में प्रबंधक हमीदुल्ला खान द्वारा कराई गई 21 शिक्षकों की भर्ती को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने निरस्त कर दिया है। अदालत ने साफ कहा कि यह नियुक्तियाँ शासनादेशों और सेवा नियमों के विरुद्ध की गई थीं।
⚖️ अदालत का निर्णय
हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद पाया कि पूरी भर्ती प्रक्रिया नियमों के उल्लंघन के साथ की गई थी। नियुक्ति के समय न तो शासनादेशों का पालन किया गया और न ही विधिक प्रावधानों का।
इसी कारण न्यायालय ने सभी 21 शिक्षकों की नियुक्तियाँ तत्काल प्रभाव से अमान्य करार देते हुए निरस्त कर दीं।
🔍 प्रभाव और संदेश
इस फैसले ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया कि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और नियमों का पालन अनिवार्य है।
यदि नियुक्तियों में गड़बड़ी या मनमानी होगी तो न्यायालय हस्तक्षेप कर सकता है।
अदालत का यह निर्णय अन्य प्रबंधकों और जिम्मेदार अधिकारियों के लिए भी चेतावनी है कि वे नियुक्तियों में किसी भी तरह की लापरवाही न बरतें।