
(एडीजी मुख्यालय)
पटना (राष्ट्र की परम्परा डेस्क) बिहार सरकार ने अपराध और अपराधियों पर नकेल कसने के लिए बड़ी मुहिम शुरू की है। राज्य में अपराधियों की अवैध संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। इसी क्रम में राज्य भर के सभी जिलों से ऐसे 1300 शातिर अपराधियों को चिह्नित कर सूची तैयार की गई है, जिनके खिलाफ अवैध ढंग से संपत्ति अर्जित करने के ठोस सबूत मिले हैं।
बिहार पुलिस मुख्यालय ने बताया है कि इन मामलों की विस्तृत जांच के बाद 279 अपराधियों के खिलाफ प्रस्ताव अदालत को भेज दिया गया है। अब इन मामलों में न्यायिक प्रक्रिया के जरिए संपत्ति की जब्ती की कार्रवाई की जाएगी। बाकी मामलों की जांच प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है और शीघ्र ही उन्हें भी कोर्ट में प्रस्तुत किया जाएगा।
पुलिस की कार्ययोजना सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्र में सक्रिय अपराधियों की संपत्तियों की जांच करें।
पुलिस आर्थिक अपराध इकाई (Economic Offences Unit – EOU) और स्थानीय प्रशासन के सहयोग से अपराधियों की संपत्ति का पूरा ब्यौरा जुटा रही है।
संपत्तियों की कानूनी स्थिति, उनके स्रोत, खरीद की तारीख और बाजार मूल्य की गहराई से जांच की जा रही है।
कड़े संकेत सरकार की ओर से बिहार सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि अपराधियों को केवल जेल भेजना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि उनकी अवैध रूप से अर्जित संपत्ति को भी जब्त कर उन्हें आर्थिक रूप से कमजोर किया जाए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कई मौकों पर इस बात को दोहरा चुके हैं कि अपराधियों के खिलाफ ‘Zero Tolerance’ की नीति अपनाई जाएगी।
हालिया उदाहरण बीते कुछ महीनों में कई कुख्यात अपराधियों की करोड़ों की संपत्ति जब्त की जा चुकी है। पटना, गया, मुजफ्फरपुर और दरभंगा जैसे जिलों में अनेक कार्रवाईयों के दौरान महंगी गाड़ियां, आलीशान मकान, फार्म हाउस और फर्जी नाम से खरीदी गई संपत्तियों पर पुलिस ने शिकंजा कसा है।
