
चार साल का बेटा और दो साल की बेटी हुई अनाथ, गांव में शोक की लहर
भागलपुर।(राष्ट्र की परम्परा डेस्क) जम्मू-कश्मीर के बारामुला जिले के उरी सेक्टर में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान बिहार के भागलपुर जिले के चापर गांव के वीर सपूत अंकित यादव ने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। यह दर्दनाक घटना मंगलवार की रात की है, जब अचानक आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। भारतीय सेना ने तुरंत जवाबी कार्रवाई की, लेकिन इस दौरान आतंकियों की गोली अंकित को लग गई।
ढाई घंटे तक चला इलाज, लेकिन बचाया न जा सका
गंभीर रूप से घायल अंकित को पहले AIP-06 और फिर देवी पोस्ट लाया गया। वहां बटालियन के RMO (रेजिमेंटल मेडिकल ऑफिसर) ने लगातार ढाई घंटे तक उनका इलाज किया, लेकिन बुधवार सुबह 6:15 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। सुबह 10 बजे सेना के अधिकारियों ने यह दुखद खबर अंकित के बड़े भाई निरंजन यादव को दी।
गांव में गमगीन माहौल
अंकित यादव भागलपुर जिले के रंगरा प्रखंड के चापर गांव के रहने वाले थे। उनके शहीद होने की खबर मिलते ही पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। गांव के लोग उन्हें उनकी बहादुरी और सादगी के लिए हमेशा याद करते हैं।
परिवार की पृष्ठभूमि भी देशसेवा में
शहीद अंकित, लक्ष्मी यादव के पुत्र थे। वे अपने पीछे पत्नी रुबी देवी, चार वर्षीय पुत्र कीनू बाबू और दो वर्षीय बेटी को छोड़ गए हैं। परिवार में बड़े भाई निरंजन यादव, मिथलेश यादव (RPF) और मुकेश यादव (सेना से रिटायर्ड) भी देश की सेवा में रहे हैं।
आज पहुंचेगा पार्थिव शरीर
शहीद का पार्थिव शरीर आज सेना के सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव चापर लाया जाएगा, जहां राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
गांव और जिले के लोग अपने इस वीर सपूत को श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी संख्या में एकत्रित होंगे।
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