Sunday, December 21, 2025
Homeउत्तर प्रदेशसावन के महीने में केवल जलाभिषेक मात्र से प्रसन्न होते है बाबा...

सावन के महीने में केवल जलाभिषेक मात्र से प्रसन्न होते है बाबा भोलेनाथ – आचार्य अजय शुक्ल

इस बार 22 जुलाई से शुरू होकर 19 अगस्त को समाप्त हो रहा है सावन मास

सर्वार्थ सिद्धि योग में शुरू हो रहा है सावन ,पड़ रहे हैं पांच सोमवार

सलेमपुर,देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)। सावन के पवित्र महीने में बाबा भोलेनाथ के पूजा का विशेष रूप से महत्व होता है, सनातन धर्म व संस्कृति में इस महीने का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। इस समय केवल जलाभिषेक करने मात्र से भगवान भोलेनाथ भक्तों के सभी कष्ट व बाधा दूर कर देते हैं।उक्त बातें जयराम ब्रम्ह स्थान के आचार्य अजय शुक्ल ने बताते हुए कहा कि इस साल के सावन की शुरुआत सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ हो रहा है, महीने की शुरुआत सोमवार से प्रारंभ होकर सोमवार को ही समापन हो रहा है, इस महीने में कुल पांच सोमवार पड़ रहा है। इस तरह का संयोग 72 वर्ष के पश्चात हो रहा है।श्रावण माह में सोमवार को जलाभिषेक व रुद्राभिषेक का बहुत ही परम हितकारी फल प्राप्त होता है।भक्तों का हर दुःख दर्द बाबा की कृपा से दूर हो जाता है।
आचार्य अजय शुक्ल ने बताया कि शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय कभी भी साधक को उत्तर दिशा में मुख करना चाहिए।मान्यता है कि इस दिशा में जलाभिषेक करने से माँ पार्वती व शिव जी तुरंत प्रसन्न हो जाते हैं। शिव पुराण के अनुसार सावन के महीने में ही समुद्र मंथन किया गया था, जिसमें भगवान शिव ने हलाहल विष को ग्रहण कर सम्पूर्ण सृष्टि की रक्षा की थी। विष ग्रहण करने से उनके गले मे जलन हो गया था।सभी देवी ,देवताओं ने इस महीने में जलाभिषेक किया था जिससे उनके गले का असहनीय पीड़ा कम हो गया था। कलयुग में जो साधक इस मास में भगवान शिव को जल अर्पित करते हैं उनकी सभी पीड़ा दूर हो जाती है।शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए तांबे, कांसे या चांदी के पात्र सबसे अच्छा माने जाते हैं, वही दूध चढ़ाने के लिए पीतल या चांदी के पात्र प्रयोग करना चाहिए। भोलेनाथ को जल हमेशा बैठकर पतली धारा बनाकर मन्त्र जपकर जल अर्पित करना चाहिए।खड़ा होकर जल चढ़ाने पर भगवान शिव इसे स्वीकार नहीं करते हैं।कभी भी बैठकर शांत मन से ही जलाभिषेक करें।देवताओं में सबसे जल्द प्रसन्न होने वाले देव हैं शिवशंकर दानी,इनकी आराधना हमेशा पवित्र मन से ही करें।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments