उतरौला,बलरामपुर(राष्ट्र की परम्परा)
राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, उतरौला की छात्राओं ने अपनी पढ़ाई को लेकर उत्पन्न हुई गंभीर समस्याओं के खिलाफ मंगलवार को सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया। कक्षा 9 से 12 तक के शिक्षण कार्य बंद होने से परेशान छात्राओं ने हाथों में तख्तियां और स्लोगन लिखी पट्टियां लेकर सड़क पर पैदल मार्च किया। यह प्रदर्शन कॉलेज से तहसील तक नारेबाजी करते हुए आयोजित किया गया, जिसके अंत में छात्राओं ने एसडीएम अवधेश कुमार को मुख्यमंत्री के नाम एक पांच सूत्री ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में छात्राओं ने विद्यालय की दुर्दशा और शिक्षण कार्य के बंद होने की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने मांग की कि कक्षा 9 से 12 तक के सभी शिक्षण कार्य को तत्काल संचालित किया जाए, विद्यालय की भूमि और भवन को राजस्व विभाग से शिक्षा विभाग को हस्तांतरित किया जाए, सभी कक्षाओं के लिए नए भवन का निर्माण किया जाए, और स्कूल में बुनियादी सुविधाएं जैसे प्रकाश, पानी और शौचालय की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इसके अलावा, विद्यालय परिसर में इंटरलॉकिंग की मांग भी की गई।
छात्राओं ने अपनी स्थिति को बयां करते हुए बताया कि वर्तमान समय में विद्यालय भवन जर्जर अवस्था में है, जिसके चलते बरसात के मौसम में कक्षाओं में करंट उतरना, छतों से पानी टपकना और खपरैल का टूट कर गिरना जैसी समस्याएँ आम हो गई हैं। ऐसी स्थिति में कक्षाएँ बाधित हो रही हैं और छात्राओं की पढ़ाई में काफी नुकसान हो रहा है। छात्राओं ने यह भी चिंता जताई कि अगर समय रहते भवन की मरम्मत या नया निर्माण नहीं किया गया, तो कभी भी कोई गंभीर दुर्घटना घट सकती है।
ऑनलाइन कक्षाओं के विकल्प पर भी छात्राओं ने असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि व्हाट्सअप के माध्यम से ऑनलाइन कक्षाएँ चलाई जा रही हैं, लेकिन अधिकांश छात्राओं के पास स्मार्टफोन नहीं है, जिससे वे इस शिक्षा प्रणाली से वंचित रह जाती हैं। इस समस्या के चलते छात्राओं को अपनी पढ़ाई में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
इस प्रदर्शन में रिया उपाध्याय, ललिता देवी, अर्चना, प्रिया विश्वकर्मा, हिरा, किस्मतुन निशा, अंजनी, रागिनी, करिश्मा, मोहिनी, नंदनी, सीमा, पूजा, पूनम, विनीता, सरिता, मरियम, यासमीन, बुशरा समेत दर्जनों छात्राएं शामिल रहीं।
छात्राओं के इस विरोध प्रदर्शन ने अभिभावकों में भी आक्रोश पैदा कर दिया है। स्थानीय समाजसेवी और लोकतंत्र सेनानी चौधरी इरशाद अहमद गद्दी और समाजसेवी आदिल हुसैन ने भी छात्राओं के इस कदम का समर्थन करते हुए सरकार और प्रशासन की उदासीनता की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि सरकार हर साल शिक्षा के क्षेत्र में करोड़ों रुपए खर्च करती है, लेकिन उतरौला नगर स्थित राजकीय बालिका इंटर कॉलेज के भवन की स्थिति अत्यंत दयनीय है। ठंड, गर्मी, और बरसात तीनों मौसमों में छात्राओं को पढ़ाई के लिए असुविधाओं का सामना करना पड़ता है।
समाजसेवियों का कहना है कि छात्राओं की समस्या पूरी तरह वाजिब है, और उनके स्कूल भवन की स्थिति चिंताजनक है। विद्यालय भवन और भूमि के हस्तांतरण के लिए पहले भी कई ज्ञापन सौंपे जा चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
छात्राओं की इस विरोधात्मक कार्रवाई ने प्रशासन को उनकी समस्याओं पर ध्यान देने के लिए मजबूर कर दिया है, और उम्मीद है कि जल्द ही इस दिशा में आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
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