
देवरिया (राष्ट्र की परम्परा डेस्क) महिला कल्याण विभाग द्वारा संचालित हब फॉर इम्पावरमेंट ऑफ वूमेन योजना के अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, बरहज, जनपद देवरिया में PCPNDT Act (Pre-Conception and Pre-Natal Diagnostic Techniques Act) एवं MTP Act (Medical Termination of Pregnancy Act) पर आधारित एक दिवसीय विशेष प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह आयोजन महिला एवं बाल विकास विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त तत्वावधान में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत किया गया।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों, सहायक नर्स मिडवाइफ (ANM) एवं स्वास्थ्य विभाग के अन्य कार्मिकों ने भाग लिया।
इस अवसर पर हब फॉर इम्पावरमेंट ऑफ वूमेन, देवरिया की जेंडर स्पेशलिस्ट मंशा सिंह ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि PCPNDT एक्ट के तहत भ्रूण लिंग परीक्षण पर पूर्ण प्रतिबंध है और इसके उल्लंघन पर कठोर दंडात्मक प्रावधान लागू हैं। उन्होंने पंजीकृत अल्ट्रासाउंड केंद्रों की भूमिका, उनकी निगरानी व्यवस्था तथा भ्रूण लिंगानुपात (CSR) में सुधार हेतु सामुदायिक सहभागिता की आवश्यकता पर विस्तार से प्रकाश डाला। साथ ही महिलाओं के स्वास्थ्य, गरिमा की सुरक्षा तथा किशोरियों और ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं के अधिकारों की जानकारी भी दी।
वन स्टॉप सेंटर, देवरिया की केंद्र प्रशासक नीतू भारती ने अपने वक्तव्य में स्वास्थ्य विभाग के साथ कन्वर्जेन्स, संयुक्त मॉनिटरिंग एवं फॉलो-अप की महत्ता पर चर्चा की। उन्होंने संस्थागत प्रसव, सुरक्षित मातृत्व सेवाओं को बढ़ावा देने तथा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान का संदेश जन-जन तक पहुँचाने की आवश्यकता पर बल दिया।
वहीं, वन स्टॉप सेंटर की मनोवैज्ञानिक मीनू जायसवाल ने कहा कि लिंग चयन पर रोक और बेटियों का सम्मान करना समाज का सामूहिक दायित्व है। बेटियां ही महिला सशक्तिकरण की मजबूत नींव हैं और उनके बिना समाज का संतुलित विकास संभव नहीं।
कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों ने शपथ ली कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान का संदेश घर-घर पहुँचाएँगे और भ्रूण लिंग परीक्षण जैसी कुप्रथाओं को समाप्त करने में सक्रिय भूमिका निभाएँगे।