
अपनी अपनी राशि के अनुसार लोगों ने किए भगवान शिव के पूजन एवं जलार्पण
महाशिवरात्रि पर्व पर बाबा हंसनाथ धाम सोहगरा दर्शन के लिए जुटी भारी भीड़
भाटपार रानी/बनकटा देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)शिवरात्रि के अवसर पर जगह–जगह शिवालयों में जुटी भारी भीड़ जिसमें सोहनपुर, बंजरिया, भूंडवार, सहित देवरिया जिले के उत्तर प्रदेश बिहार बार्डर सीमा स्थित अति प्राचीन बाबा हंसनाथ धाम सोहगरा मंदिर जो बिहार के सिवान जिले के गुठनी थाने के अंतर्गत आता है।
वहां पर तड़के भोर प्रातः 3 बजे से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ एवं लंबी कतारें देखने को मिलने लगी जो दिन भर अनवरत चलती रहीं वहीं भक्त जन भगवान शिव का जय घोष करते हुए आगे बढ़ते रहे। प्रशासन को भी भीड़ को काबू करने के लिए बैरिकेट लगा कर भीड़ को कंट्रोल करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी है। वहीं श्रद्धालुगण भोर से ही निरंतर लाइन में लगे रहे। वहीं बिहार के सिवान जिला प्रशासन, के तरफ से गुठनी बिहार की पुलिस व स्थानीय यूपी पुलिस द्वारा भक्तों को बाबा हंसनाथ के सुगम दर्शन कराने के लिए मुस्तैद ड्यूटी दे रहे है।
आचार्य विनोद त्रिपाठी के अनुसार
1= मेष राशि- के लिए गुड़ के जल से अभिषेक। लाल मिठाई का भोग। लाल चन्दन व कनेर की फूल से पूजन।
मन्त्र – ॐ नमः शिवाय।
2= वृष – दही से अभिषेक। शक्कर, चावल, सफेद चन्दन सफेद फूल से पूजा।
मन्त्र – ॐ मृत्युन्जयाय नमः।
3= मिथुन – गन्ने के रस से भगवान का अभिषेक। मुंग, दूब और कुशा से पूजा।
मन्त्र – ॐ ऊँकाराय नमः
4= कर्क – घी से अभिषेक कर चावल, कच्चा दूध, सफेद आक व शखपुष्पी से शिवलिंग की पूजा।
मन्त्र – ॐ महाकालाय नमः
5= सिंह – गुड़ के जल से अभिषेक कर गुड़ व चावल से बनी खीर का भोग लगाकर मन्दार के फूल से पूजा।
मन्त्र – ॐ त्रयंबकाय नमः
6= कन्या – गन्ने के रस से शिवलिंग का अभिषेक करें। भगवान शंकर को भाँग, दुर्वा व पान अर्पण।
मन्त्र – ॐ उमापतये नमः
7= तुला – सुगन्धित तेल या इत्र से भगवान का अभिषेक कर दही, मधुरस व श्रीखण्ड का भोग लगा। सफेद फूल से भगवान की पूजा।
मन्त्र – ॐ वृषभध्वजाय नमः
8= वृश्चिक – पंचामृत से अभिषक करे। लाल फूल से भगवान की पूजा।
मन्त्र – ॐ चन्द्रमौलिने नमः
9= धनु – हल्दी युक्त दूध से अभिषेक कर बेसन से बनी मिठाई से भगवान का भोग लगा। गेंदे के फूल से पूजन।
मन्त्र – ॐ पिनाकपाणिने नमः
10= मकर – नारियल पानी से अभिषेक कर उड़द से बनी मिठाई का भगवान को भोग लगा। नीलकमल के फूल से पूजन।
मन्त्र – ॐ सद्य़ोजाताय नमः
11= कुम्भ – तिल के तेल से अभिषेक कर उड़द से बनी मिठाई का भोग लगा। शमी के फूल से भगवान की पूजा।
मन्त्र – ॐ हरिहराय नमः
12= मीन – केसरयुक्त दूध से भगवान का अभिषेक कर दही भात का भोग पीली सरसों और नागकेसर से भगवान की पूजा। यह राशि के अनुसार पूजा का विधान रहा जिसे अपने अपने ढंग से भक्तो की भारी भीड़ ने जगह जगह के शिवालयों में काफी लम्बी कतारों में लग कर भगवान शिव को पूजन अर्चन कर मनोवांछित फल हेतु जलार्पण किए।
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