
नई दिल्ली/मास्को (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा नई दिल्ली पर रूसी तेल आयात को लेकर भारी टैरिफ लगाने के बीच रूस ने भारत के साथ अपने दीर्घकालिक संबंधों की सराहना की है। साथ ही चेतावनी दी है कि इन रिश्तों को कमजोर करने की कोई भी कोशिश नाकाम साबित होगी।
रूसी विदेश मंत्रालय ने सरकारी मीडिया आउटलेट आरटी से बातचीत में कहा कि “मॉस्को और दिल्ली के बीच संबंध लगातार और आत्मविश्वास से आगे बढ़ रहे हैं। इस प्रक्रिया में बाधा डालने का कोई भी प्रयास विफल होगा।”
भारत के रुख की सराहना
मंत्रालय ने अमेरिका और नाटो देशों द्वारा दबाव डालने के बावजूद भारत द्वारा रूस से तेल और रक्षा उपकरण खरीद जारी रखने के फैसले की प्रशंसा की। बयान में कहा गया कि भारत का दृष्टिकोण “लंबे समय से चली आ रही रूस-भारत मित्रता और परंपराओं” पर आधारित है और यह “अंतर्राष्ट्रीय मामलों में रणनीतिक स्वायत्तता” को दर्शाता है।
नई भुगतान प्रणाली और सहयोग पर ज़ोर
रूस ने भारत के साथ मिलकर नई भुगतान प्रणालियों के विकास, राष्ट्रीय मुद्राओं में लेनदेन और वैकल्पिक परिवहन एवं लॉजिस्टिक मार्गों को मजबूत करने पर बल दिया।
ट्रंप प्रशासन का कड़ा रुख
गौरतलब है कि पिछले महीने अमेरिका ने भारतीय उत्पादों पर 25% आधार शुल्क और रूस से आयात पर 25% अतिरिक्त ‘जुर्माना’ लगाया। वाशिंगटन का आरोप है कि भारत की खरीदारी से यूक्रेन संघर्ष को अप्रत्यक्ष बढ़ावा मिल रहा है। हालांकि, भारत ने इस आरोप को बार-बार “अनुचित और निराधार” बताते हुए खारिज किया है।
व्यापार समझौते पर गतिरोध
अमेरिका और भारत के बीच नया व्यापार समझौता लंबे समय से अटका हुआ है। ट्रंप प्रशासन ने बातचीत फिर से शुरू करने के संकेत दिए हैं, लेकिन भारत ने कृषि और डेयरी उत्पादों पर रियायतें देने से साफ इंकार कर दिया है। भारत का कहना है कि यह उसके लिए “बहुत बड़ी लाल रेखाएँ” हैं।