जिसके शब्दों में ऐसा प्रेम भरा,
उसमे ख़ुद कितना प्रेम भरा होगा,
जिसकी बातें ही इतनी सुंदर हैं,
उसके भावों में कैसा प्रेम भरा होगा।
जो अपना नहीं हो सका कभी,
वह किसी और का कैसे होगा,
जो अपने को सुख नही दे सका,
किसी और को सुख कैसे देगा।
इसके पूर्व कि दूसरों को प्रेम करो,
अपने स्वयं से प्रेम करना ज़रूरी है,
दूसरों के जीवन में सुख ला सको,
अपने जीवन में सुख बयार ले आओ।
किसी दूसरे के अंधेरे जीवन में
प्रकाश की किरण उतार सको,
कम से कम अपने अंधेरे जीवन
में तो प्रकाश आमंत्रित कर लो!
हर नये दिन, नव उमंग के साथ
आदित्य जीवन के आनंद लेने हैं,
नव नूतन अवसर प्रदान करने हैं,
ज्ञानार्जन की यह अद्भुत बातें हैं।
कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’
ड्यूटी के दौरान हेड कांस्टेबल की आकस्मिक मौत, पुलिस महकमे में शोक की लहर महराजगंज…
मिलावटी दूध,पनीर और दुग्ध उत्पादों पर बढ़ता संकट-भारत की खाद्य सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती…
🔱 शास्त्रोक्त पौराणिक कथा “जब धर्म ने पाया अपना दूत: श्रीराम–हनुमान प्रथम साक्षात्कार और भक्ति…
इतिहास के पन्नों में अमर 23 दिसंबर: देश-दुनिया को दिशा देने वाले महान व्यक्तित्वों को…
चौधरी चरण सिंह (1902) – किसानों की आवाज़ बने भारत के पाँचवें प्रधानमंत्रीचौधरी चरण सिंह…
पंचांग 23 दिसंबर 2025, मंगलवार | आज का शुभ-अशुभ मुहूर्त, राहुकाल, तिथि, नक्षत्र व यात्रा…