आज के युवा लें महापुरुषों से प्रेरणा–प्रो पीसी गिरि
बलरामपुर (राष्ट्र की परम्परा)। विश्व के सबसे बड़े छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एमएलके पीजी कॉलेज इकाई द्वारा शनिवार को महान वीरांगना रानी दुर्गावती जी की 500 वी जन्म जयंती मनाई गई। सैकड़ों छात्र छात्राओं ने गोंडवाना की रानी दुर्गावती की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित किया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो प्रकाश चंद्र गिरी ने अपने संबोधन में कहा की वीरांगना महारानी दुर्गावती साक्षात दुर्गा थी। जिन्होंने अपनी मातृभूमि और आत्मसम्मान की रक्षा हेतु अपने प्राणों का बलिदान दिया। वीरतापूर्ण चरित्र वाली इस रानी ने अंत समय निकट जानकर अपनी कटार स्वयं ही अपने सीने में मारकर आत्म बलिदान के पथ पर बढ़ गईं। अभाविप नगर अध्यक्ष डॉ अनुज सिंह ने कहा गोंडवाना की दुर्गावती महारानी ने 16 वर्ष तक राज संभाला। इस दौरान उन्होंने अनेक मंदिर, मठ, कुएं, बावड़ी तथा धर्मशालाएं बनवाईं। ऐसे वीरानाओं से आज के युवाओं प्रेरणा लेनी चाहिए की किस प्रकार उन्होंने अपने देश की रक्षा हेतु अपने प्राणों को न्योछावर कर दिया। पूर्व जिला संयोजक अम्बुज भार्गव ने बताया कि किस प्रकार रानी ने अकबर के जुल्म के आगे झुकने से इंकार कर स्वतंत्रता और अस्मिता के लिए युद्ध भूमि को चुना और अनेक बार शत्रुओं को पराजित भी किया, लेकिन जब उन्हें यह एहसास हुआ कि वे बहुत दूर नहीं जा पाएंगी और जल्द ही दुश्मन के हाथों पकड़ी जा सकती हैं, तब उन्होंने अपना ही खंजर निकाला और अपने सीने में घोंप लिया। इस दौरान विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ अनामिका सिंह, स्वाती पांडे, उमरा, सौरभ पाण्डेय, सौरभ शुक्ला, आकाश तिवारी, राज मिश्रा, अजय शुक्ला, धर्मेंद्र यादव सहित सैकड़ों विद्यार्थियों ने पुष्पांजलि अर्पित की।
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