
देवघर, झारखंड (राष्ट्र की परम्परा डेस्क) श्रावण मास की दूसरी सोमवारी पर देवघर नगरी भक्तों की आस्था से सराबोर है। कामिका एकादशी और सोमवारी का दुर्लभ संयोग होने के कारण आज का दिन विशेष शुभ और पुण्यदायी माना जा रहा है। रविवार रात से ही श्रद्धालुओं का सैलाब देवघर की ओर उमड़ पड़ा है।
प्रशासनिक अनुमान के मुताबिक, आज देवघर में तीन लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। बाबा बैद्यनाथ की नगरी भक्तिरस से सराबोर है। जगह-जगह हर-हर महादेव और बोल बम के जयघोष गूंज रहे हैं।
कांवरिया पथ बना आस्था का महासागर
देवघर से लगभग 30 किलोमीटर दूर कटोरिया तक कांवरिया पथ श्रद्धालुओं से खचाखच भरा है। ऐसा प्रतीत हो रहा है मानो पूरी धरती भगवामय हो गई हो। कांवर लेकर चल रहे शिवभक्तों की कतारें कई किलोमीटर तक फैली हुई हैं। पैरों में छाले, लेकिन होंठों पर जयकारा—यह दृश्य श्रद्धा और समर्पण की पराकाष्ठा को दर्शाता है।
व्यवस्था चाक-चौबंद, प्रशासन सतर्क
भीड़ को नियंत्रित करने और श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। कांवरिया पथ पर जगह-जगह मेडिकल कैंप, पेयजल व्यवस्था, मोबाइल टॉयलेट्स और विश्राम स्थल बनाए गए हैं। पुलिस, रैपिड एक्शन फोर्स और स्वयंसेवी संस्थाएं व्यवस्था संभाल रही हैं।
कामिका एकादशी का पुण्यकाल
कामिका एकादशी के कारण आज बाबा बैद्यनाथ का जलार्पण करना विशेष फलदायी माना गया है। मान्यता है कि इस दिन जल चढ़ाने से समस्त पापों का क्षय होता है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यही कारण है कि श्रद्धालुओं में आज विशेष उत्साह देखने को मिल रहा है।
हर-हर महादेव के नारों से गूंजा देवघर
देवघर की गलियों, मंदिर परिसर और कांवरिया पथ हर-हर महादेव, जय शिवशंकर, बोल बम जैसे नारों से गुंजायमान हैं। भक्तों की आंखों में आस्था और चेहरों पर भक्ति की आभा देखी जा सकती है।
श्रावणी मेले की यह दूसरी सोमवारी एक बार फिर यह सिद्ध कर रही है कि बाबा बैद्यनाथ की नगरी में भक्ति की परंपरा, आस्था की शक्ति और श्रद्धालुओं की आहुतियां कभी कम नहीं होतीं।
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