
नई दिल्ली(राष्ट्र की परम्परा डेस्क) फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर की हालिया भारत यात्रा न केवल दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में ऐतिहासिक मील का पत्थर सिद्ध हुई है, बल्कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में बदलते सामरिक समीकरणों के संदर्भ में भी अत्यंत अहम मानी जा रही है। इस यात्रा के दौरान भारत और फिलीपींस ने अपने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी (Strategic Partnership) के स्तर तक उन्नत करने की घोषणा की, जिससे स्पष्ट है कि दोनों देश अब केवल कूटनीतिक मैत्री तक सीमित नहीं रहना चाहते, बल्कि साझा क्षेत्रीय हितों की रक्षा के लिए ठोस एवं दीर्घकालिक सहयोग की ओर अग्रसर हैं।
सामरिक सहयोग को मिली नई दिशा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति मार्कोस जूनियर के बीच हुई व्यापक वार्ता के दौरान रक्षा एवं सुरक्षा क्षेत्र में सहयोग पर विशेष बल दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को “गहरे आपसी विश्वास का प्रतीक” बताया और इसे दोनों देशों के बीच बढ़ते सामरिक भरोसे की मिसाल करार दिया।
दोनों देशों के थल, वायु और नौसेना के बीच समन्वय बढ़ाने के लिए स्टाफ-टू-स्टाफ बातचीत के लिए Terms of Reference (ToR) को अपनाया गया है। यह पहल रक्षा संवाद को संस्थागत स्वरूप प्रदान करेगी और भविष्य में संयुक्त सैन्य अभ्यास, प्रशिक्षण और तकनीकी साझेदारी को बढ़ावा देगी।
समुद्री सुरक्षा में सहयोग
हिंद-प्रशांत क्षेत्र की बदलती सुरक्षा स्थिति को देखते हुए Indian Coast Guard और Philippine Coast Guard के बीच समुद्री सहयोग को लेकर एक महत्वपूर्ण समझौता भी किया गया। इस समझौते का उद्देश्य समुद्री डकैती, तस्करी, और मानवीय राहत कार्यों में आपसी तालमेल को बढ़ाना है। इससे क्षेत्र में नौवहन सुरक्षा और समुद्री कानून व्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
आर्थिक एवं तकनीकी सहयोग की संभावनाएं
हालांकि इस यात्रा का प्रमुख फोकस रणनीतिक एवं सुरक्षा सहयोग रहा, लेकिन दोनों नेताओं ने व्यापार, निवेश, डिजिटल प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्रों में भी साझेदारी बढ़ाने पर सहमति जताई। भारत द्वारा विकसित वैक्सीन, दवाओं और डिजिटल समाधान में फिलीपींस ने गहरी रुचि दिखाई है।
रणनीतिक पृष्ठभूमि और वैश्विक संदर्भ
यह यात्रा ऐसे समय में हुई है जब दक्षिण चीन सागर में बढ़ते तनाव, चीन की आक्रामक नीतियों और वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य में भारत व फिलीपींस दोनों की भूमिका और महत्वपूर्ण हो गई है। इस रणनीतिक साझेदारी को क्वाड (QUAD) जैसे बहुपक्षीय मंचों से जोड़कर देखा जा रहा है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि भारत अब दक्षिण-पूर्व एशिया में अपने रणनीतिक साझेदारों के साथ और भी गहरा गठबंधन बनाना चाहता है।
राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर की भारत यात्रा केवल औपचारिक राजनयिक दौरा नहीं रही, बल्कि इसने भारत-फिलीपींस संबंधों को एक नई दिशा और नई ऊंचाई प्रदान की है। इस रणनीतिक साझेदारी की नींव पर आगे चलकर रक्षा, समुद्री सुरक्षा, व्यापार और तकनीकी क्षेत्र में व्यापक सहयोग के नए अध्याय लिखे जाएंगे। भारत की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ और फिलीपींस की ‘इंडो-पैसिफिक रणनीति’ अब एक साझा मंच पर सशक्त होती दिखाई दे रही है।
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