Saturday, December 27, 2025
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इतिहास के पन्नों में दर्ज बलिदान, परिवर्तन और उपलब्धियों का दिन

27 दिसंबर का दिन विश्व और भारत के इतिहास में कई ऐसी घटनाओं का साक्षी रहा है, जिन्होंने राजनीति, संस्कृति, अर्थव्यवस्था, विज्ञान और समाज की दिशा को प्रभावित किया। यह दिन कहीं दर्दनाक त्रासदियों की याद दिलाता है तो कहीं रचनात्मक उपलब्धियों और ऐतिहासिक निर्णयों का प्रतीक बनता है। आइए, 27 दिसंबर को घटित प्रमुख ऐतिहासिक घटनाओं पर क्रमवार विस्तार से नज़र डालते हैं—
2008 – ‘तारे ज़मीं पर’ को वी. शांताराम पुरस्कार
हिंदी सिनेमा के इतिहास में संवेदनशील विषयों को नई पहचान देने वाली फ़िल्म तारे ज़मीं पर को वी. शांताराम पुरस्कार समारोह में सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म का सम्मान मिला। यह फ़िल्म बच्चों की मानसिक दुनिया, शिक्षा व्यवस्था और अभिभावकों की जिम्मेदारी पर गहरा प्रभाव छोड़ती है। इस पुरस्कार ने सामाजिक सरोकारों से जुड़ी सिनेमा की ताकत को राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किया।

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2008 – आशा एण्ड कम्पनी का लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम
भारतीय उद्यमिता और नवाचार की मिसाल बनी आशा एण्ड कम्पनी का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ। यह उपलब्धि बताती है कि सीमित संसाधनों के बावजूद नवाचार, निरंतरता और आत्मविश्वास से वैश्विक पहचान हासिल की जा सकती है।
2007 – बेनजीर भुट्टो की हत्या
27 दिसंबर 2007 को पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की रावलपिंडी के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना न केवल पाकिस्तान बल्कि पूरे दक्षिण एशिया की राजनीति के लिए एक गहरा झटका थी। लोकतंत्र, महिला नेतृत्व और आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष की यह एक दर्दनाक समाप्ति मानी जाती है।

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2004 – भारत ने बांग्लादेश को वनडे श्रृंखला में हराया
क्रिकेट के मैदान पर भारत ने तीसरे और अंतिम वनडे मैच में बांग्लादेश को हराकर श्रृंखला 2-1 से अपने नाम की। यह जीत भारतीय टीम के उभरते खिलाड़ियों के आत्मविश्वास और टीम संतुलन का प्रतीक बनी।
2002 – पहले मानव क्लोन ‘ईव’ के जन्म का दावा
वर्ष 2002 में अमेरिका में पहले मानव क्लोन ‘ईव’ के जन्म का दावा किया गया। यद्यपि यह वैज्ञानिक रूप से विवादास्पद रहा, लेकिन इस घटना ने जैव-प्रौद्योगिकी, नैतिकता और मानव भविष्य को लेकर वैश्विक बहस छेड़ दी।

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2001 – भारत-पाक तनाव और अंतरराष्ट्रीय सक्रियता
भारत-पाक युद्ध की आशंका के बीच अमेरिका और रूस शांति प्रयासों में सक्रिय हुए। इसी दिन आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तोइबा ने अपना नया प्रमुख नियुक्त किया और संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान स्थित एक आतंकी संगठन के खातों को सील करने के आदेश दिए। यह दिन वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ कड़े रुख का संकेत था।
2000 – ऑस्ट्रेलिया में विवाह पूर्व संबंधों को मान्यता
ऑस्ट्रेलिया ने विवाह पूर्व संबंधों को कानूनी मान्यता देकर सामाजिक ढांचे में बड़ा बदलाव किया। यह फैसला व्यक्तिगत स्वतंत्रता, समानता और आधुनिक जीवन मूल्यों को दर्शाता है।

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1998 – वांगकान धांग का निधन
चीन के परमाणु कार्यक्रम के जनक वांगकान धांग के निधन से चीन ने अपने एक महान वैज्ञानिक को खो दिया। उनके योगदान ने चीन को वैश्विक परमाणु शक्ति के रूप में स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई।
1985 – विएना और रोम हवाई अड्डों पर आतंकी हमला
यूरोप के विएना और रोम हवाई अड्डों पर चरमपंथी हमलों में 16 लोगों की मौत और सैकड़ों के घायल होने की घटना ने अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा व्यवस्था की कमजोरियों को उजागर किया।

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1979 – अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन और सोवियत हमला
हफीजुल्लाह अमीन की हत्या और उसके बाद सोवियत सेना के अफगानिस्तान पर हमले ने शीत युद्ध को एक नया मोड़ दिया। यह संघर्ष दशकों तक वैश्विक राजनीति को प्रभावित करता रहा।
1975 – चासनाला कोयला खदान दुर्घटना
झारखंड के धनबाद जिले में चासनाला कोयला खदान में हुई भीषण दुर्घटना में 372 मजदूरों की जान चली गई। यह भारत के औद्योगिक इतिहास की सबसे भयावह त्रासदियों में गिनी जाती है।

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1972 – उत्तरी कोरिया में नया संविधान
उत्तरी कोरिया में नया संविधान लागू हुआ, जिसने वहां की राजनीतिक व्यवस्था और सत्ता संरचना को कानूनी आधार प्रदान किया।
1961 – बेल्जियम और कांगो के राजनयिक संबंध
औपनिवेशिक अतीत के बाद बेल्जियम और कांगो के बीच राजनयिक संबंधों की बहाली अफ्रीकी कूटनीति में एक महत्वपूर्ण कदम था।
1960 – फ्रांस का परमाणु परीक्षण
फ्रांस ने परमाणु परीक्षण कर स्वयं को विश्व की प्रमुख परमाणु शक्तियों में शामिल किया, जिससे वैश्विक शक्ति संतुलन प्रभावित हुआ।

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1945 – विश्व बैंक और आईएमएफ की स्थापना
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था को स्थिरता देने के उद्देश्य से विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की स्थापना हुई। यह आधुनिक वैश्विक आर्थिक व्यवस्था की नींव बना।
1939 – तुर्की में विनाशकारी भूकंप
तुर्की में आए भीषण भूकंप में लगभग 40 हजार लोगों की जान गई। यह आपदा मानव इतिहास की सबसे भयावह प्राकृतिक त्रासदियों में गिनी जाती है।
1934 – पर्सिया से ईरान नामकरण
पर्सिया के शाह ने देश का नाम बदलकर ईरान रखने की घोषणा की, जिससे राष्ट्रीय पहचान और सांस्कृतिक स्वाभिमान को नई दिशा मिली।

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1911 – ‘जन गण मन’ का प्रथम गायन
कलकत्ता अधिवेशन में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के दौरान पहली बार जन गण मन गाया गया, जो आगे चलकर भारत का राष्ट्रगान बना।
1861 – कलकत्ता में चाय की पहली सार्वजनिक बोली
भारत में चाय व्यापार के इतिहास की शुरुआत 27 दिसंबर 1861 को कलकत्ता में पहली सार्वजनिक नीलामी से हुई, जिसने भारत को विश्व के प्रमुख चाय उत्पादकों में शामिल किया।

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