
बहराइच (राष्ट्र की परम्परा)। शासन ने गरीब वर्ग को स्वक्ष भारत मिशन योजना के तहत सौंचालय व प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर, सुलभ कराने का सपना ग्राम में चूर-चूर होता नजर आ रहा है। गांव में गरीबों तक आवास योजना पहुंची ही नहीं रहा है। नवाबगंज विकास खण्ड अन्तर्गत ग्राम पंचायत बिजलीपुर बिसुनापुर में तकरीबन एक दर्जन लोग ऐसे हैं, जो जीवन की मूलभूत आवश्यकता से आज भी कोसों दूर हैं। यह लोग आज भी कहीं झोपड़ी बनाकर अपना जीवन बसर कर रहे हैं। सिस्टम पूरी तरह चरमराया हुआ है, उन्हें मात्र वो ही लोग दिखते हैं जो उन्हें सुविधा शुल्क मुहैया कराते हैं। उनको ही आवास, शौचालय मिलते है। गांव में पदस्थ रोजगार सहायक, सचिव व ग्राम प्रधान द्वारा आवास योजना व सौंचालय का लाभ दिलाने के एवज में गरीबों से पैसे मांगे जाते हैं, लेकिन जब उनके द्वारा की जा रही रकम हितग्राही नहीं देता है तो उनका नाम लिस्ट में पहले से आखिर में कब पहुंच जाता या कब उन्हें पात्र की जगह अपात्र बना दिया जाता है, उनको खुद पता नहीं होता। जिससे ग्राम के अधिकांश गरीब शासकीय योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रहे हैं।
सुषमा पत्नी रमेश कुमार जिसे अपने घर का सपना देखते देखते उसकी आंखें ही पथरा गई हैं। वह दर बदर ठोकरे खाने को मजबूर है, महिला के पास रहने के लिए घर तक नसीब नहीं है। शासन ने गरीब वर्ग को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर सुलभ कराने का सपना चूर-चूर होता नजर आ रहा है। गांव में गरीबों तक आवास योजना पहुंची ही नहीं है। ग्राम पंचायत में तकरीबन एक दर्जन लोग ऐसे हैं जो जीवन की मूलभूत आवश्यकता से आज भी कोसों दूर हैं। जैसे-तैसे लोग अपना गुजर बसर कर रहे हैं।
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