
गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। मैनेजमेंट संस्थान अपने छात्रों को बेहतरीन शैक्षणिक ज्ञान प्रदान करने का हर संभव प्रयास करते हैं, लेकिन कक्षा में पढ़ाई के दौरान छात्रों को व्यावसायिक दुनिया की जटिलताओं को पूरी तरह से समझने का अवसर नहीं मिलता।
इस समस्या को हल करने के लिए दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने बी-स्कूल बुल्स, एक भारत सरकार द्वारा अनुमोदित स्टार्टअप, के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
बी-स्कूल बुल्स को भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय और स्टार्टअप इंडिया सीड फंड के तहत फंडिंग प्राप्त हुई है। यह विश्वविद्यालय के परिसर में बिजनेस लैब स्थापित करेगा, जहां छात्र अपने पाठ्यक्रम के साथ-साथ कॉर्पोरेट कार्यप्रणाली का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त कर सकेंगे।
यह एमओयू विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन और बी-स्कूल बुल्स के सीओओ राज संत्रा द्वारा हस्ताक्षरित किया गया।
इस अवसर पर प्रो. मनीष कुमार श्रीवास्तव (समन्वयक, बीबीए और एमबीए प्रोग्राम), प्रो. एस. वी. पाठक (डीन, बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन विभाग), संजय कुमार (मैनेजर, बी-स्कूल बुल्स) और डॉ. कुमारी चांदनी (बिजनेस एसोसिएट, बी-स्कूल बुल्स) उपस्थित रहे।
यह समझौता नई शिक्षा नीति (एनईपी 2020) के अनुरूप है और इसमें रोजगार क्षमता बढ़ाने, स्टॉक मार्केट सिमुलेशन, विशेषज्ञ सत्र, कार्यशालाएं, इंटर्नशिप, लाइव प्रोजेक्ट्स और इंडस्ट्री-एकेडेमिया इंटरफेस को बढ़ावा देने जैसी गतिविधियां शामिल हैं।
कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा “इस तरह के एमओयू हमारे छात्रों की रोजगार क्षमता को बेहतर बनाएंगे। बिजनेस, कॉमर्स और मैनेजमेंट के छात्र स्टॉक मार्केट को वर्चुअल मोड में बिना वास्तविक पैसे का उपयोग किए समझ सकेंगे।”
यह साझेदारी छात्रों के करियर विकास में एक मील का पत्थर साबित होगी।
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