गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कृषि एवं प्राकृतिक विज्ञान संस्थान में मिशन शक्ति फेज 5 के तहत आयोजित कृषि छात्रों के व्यक्तित्व विकास के लिए सात दिवसीय कार्यक्रम का समापन मंगलवार को हुआ। जिसमें प्रतिभागी छात्राओं को समारोह पूर्वक प्रमाण पत्र वितरित किया गया।
विश्वविद्यालय के कृषि विभाग में नांदी फाउंडेशन (महिंद्रा प्राइड क्लासरूम) की तरफ से “महिलाओं के लिए रोजगार कौशल पर सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम” का उद्देश्य छात्राओं को व्यापक रूप से प्रशिक्षित करना तथा उनके स्किल को विकसित करना था।
समापन समारोह की मुख्य अतिथि कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने कहा कि कृषि विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास के साथ-साथ भारत मे कल्चरल कम्युनिटी बनाकर छात्रों की ऊर्जा को चैनेलाइज करने का सुझाव दिया।
उन्होंने भारत को कृषि प्रधान देश बताते हुए कृषि के छात्रों को फार्म प्रैक्टिस के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होने कहा कि हमे किसी भी प्रकार के वाद मे नही पङना चाहिए लेकिन बराबरी का दर्जा जरूर मिलना चाहिए।
मिशन शक्ति फेस 5 की नोडल अधिकारी प्रोफेसर विनीता पाठक ने मिशन शक्ति फेज 5 के बारे मे बताते हुए कहा कि मानसिक स्तर पर नागरिकों को मजबूत तथा जागरूक होने पर जोर दिया। उन्होंने विभिन्न उदाहरणों द्वारा महिलाओं की वर्तमान स्थिति तथा उसमें सुधार के सुझाव दिए।
कार्यक्रम का शुभारंभ संस्थान के निदेशक प्रोफेसर शरद कुमार मिश्र के स्वागत उद्बोधन से हुआ। उन्होंने इसके बाद कृषि एवं प्राकृतिक विज्ञान संस्थान के फार्मलैण्ड मे हो रही गतिविधियों को प्रदर्शित करने हेतु, इस वर्ष हुई फॉर्म प्रैक्टिस पर एक वीडियो भी प्रस्तुत की । कार्यक्रम में प्रति कुलपति प्रोफेसर शांतनु रस्तोगी द्वारा मिशन शक्ति फेस 5 के कार्यक्रम की सराहना करते हुए आने वाले समय में भी ऐसे कार्यक्रमों को करने की बात कही। हिंदी विभाग के प्रोफेसर तथा एथलेटिक्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विमलेश कुमार मिश्र द्वारा कई साहित्यिक कविताओं के माध्यम से स्त्री की वर्तमान स्थिति पर चर्चा एवं उसे स्थिति को सुधारने के लिए सुझाव प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम में पद्मश्री प्रो. रामचेत चौधरी, निदेशक पीआरडीएफ ने भी छात्रों को सम्बोधित किया। कार्यक्रम के अन्त मे प्रो. चौधरी ने अपने 50 साल की वैज्ञानिक यात्रा का बहुत रोचक वर्णन किया। उनके व्याख्यान से छात्र बहुत उत्साहित रहे। प्रो चौधरी ने कालानमक चावल और सुनहले शकरकंद पर उनकी संस्था द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बारे मे बताया। छात्रों को कृषि अनुसंधान के लिए प्रोत्साहित करते हुए अपनी जिज्ञासा बनाए रखने की बात की। कार्यक्रम में प्रतिभागी छात्राओं द्वारा पर्सनैलिटी डेवलपमेंट प्रोग्राम के अनुभवों को भी साझा किया गया। कार्यक्रम में एमएससी एक्सटेंशन के छात्र ऋषिकेश यादव ने भोजपूरी मे महिला शस्त्रीकरण पर गीत सुनाकर सबको मोहित कर लिया तथा बी एस सी कृषि की छात्रा सृष्टि सिंह द्वारा शास्त्रीय नृत्य का प्रस्तुतिकरण सांस्कृतिक कार्यक्रम के अन्तर्गत किया गया जो की नारी सशक्तिकरण पर आधारित था। सृष्टि सिंह ने माॅ दुर्गा पर आधारित एकल नृत्य प्रस्तुत कर सम्मोहित कर लिया।
कार्यक्रम में पंजीकृत छात्राओं को व्यक्तित्व विकास के लिए आयोजित कार्यशाला को सफलतापूर्वक सम्पन्न के उपरान्त कुलपति द्वारा प्रमाणपत्र वितरित किए गये।
कार्यक्रम का सफल समन्वय डॉक्टर नूपुर सिंह, संचालन डॉक्टर सरोज चौहान तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ मोनालिसा साहू ने किया।
कार्यक्रम में कृषि एवं प्राकृतिक संस्थान के डॉ मोहम्मद ताल्हा अंसारी डॉक्टर, अनुपम दुबे, डॉक्टर रूद्राजय मिश्रा, डॉक्टर पांडुरंग तथा अन्य शिक्षक उपस्थित थे।
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